Lohri celebration In Ludhiana : पंजाब में आधुनिक साउंड सिस्टम में गायब हुए लोहड़ी के गीत, जानें क्या आया बदलाव
Lohri celebration In Ludhiana लोहड़ी से पहले जिस घर में शादी-ब्याह हुआ होता था या फिर किसी बच्चे का जन्म होता था तो बच्चों का लोहड़ी मांगने का अंदाज ही अलग होता था। समय बदला तो त्योहार मनाने का तरीका भी बदल गया।
लुधियाना, [राधिका कपूर]। Lohri celebration In Ludhiana : सुंदर मुंदरिये हो, तेरा कौण बिचारा, हो...दुल्ला भट्टी वाला हो, दुल्ले दी धी ब्याही हो, सेर शक्कर पाई। द माएं, लोहड़ी जीवे तेरी जोड़ी। डब्बा भरिया लीरां दा ए घर अमीरां दां इत्यादि। ये सब ऐसे बोल हैं जो सालों पहले लोहड़ी या फिर इससे कुछ दिन पहले सुनने को मिलते थे। लोहड़ी के लिए प्रचलित यह बोल अब त्योहार से दो-तीन दिन पहले तो क्या, लोहड़ी के दिन भी सुनने को नहीं मिलते। वह भी एक समय था जब लोहड़ी से दो-चार दिन पहले बच्चों का झुंड पूरे मोहल्ले में उक्त बोल गा लोहड़ी मांगा करता था।
लोहड़ी से पहले जिस घर में शादी-ब्याह हुआ होता था या फिर किसी बच्चे का जन्म होता था तो बच्चों का लोहड़ी मांगने का अंदाज ही अलग होता था। समय बदला तो त्योहार मनाने का तरीका भी बदल गया। अब की बात करें तो लोहड़ी के गीत किताबों का ही हिस्सा बनकर रह गए हैं। आज के बच्चों से अगर लोहड़ी गीतों की बात करें तो उन्हें इनके बोल तक नहीं पता होते।
लोहड़ी पर्व को मनाने का अंदाज बदला
त्योहार से एक या दो दिन पहले इंटरनेट मीडिया, वाट्सएप ग्रुप्स में सुंदर मुंदरिए हो, तेरा कौण बिचारा गीत के बोल जरूर वायरल होते हैं। असल मायने में बच्चे इसका महत्व बता ही नहीं पाते। दूसरा आधुनिकता की इस चकाचौंध में सभी अपने में व्यस्त हैं। न ही बच्चों के पास और न ही किसी दूसरे जन के पास इतना समय हैं। बदले समय में लोहड़ी के पारंपरिक गीतों पर आधुनिक साउंड सिस्टम पूरी तरह से हावी हो गया है। अब लोहड़ी पर्व को मनाने का अंदाज भी बिल्कुल बदल गया है। होटलों, रेस्तरां में लोहड़ी की सेलिब्रेशन होने लगी है और इसी मंच पर डीजे की धुनों के साथ लोहड़ी गीत बोले जाते हैं।