ममता की छाव मिली तो बदली रानी की कहानी
दो साल पहले तारेगना स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर मिली नवजात बच्ची रानी का भाग्य ही बदल गया।
दानापुर : दो साल पहले तारेगना स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर मिली नवजात बच्ची रानी के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था कि वह एक दिन विदेश चली जाएगी। किस्मत ने उसे डेनमार्क पहुंचा दिया। अब वो डेनमार्क में बसेगी। दो वर्षीय रानी की पहचान अब डेनमार्क के निवासी के रूप में होगी। गुरुवार को डेनमार्क के इलेक्ट्रीक इंजीनियर मिस इन्जॉबेग सोफी डे गेडे ने उसे गोद लिया। इसके साथ ही दो वर्षीय रानी डेनमार्क के लिए रवाना हो गई। पिछले कई माह से डेनमार्क से आई युवती दानापुर के लेखानगर स्थित नारीगुंजन संस्था के अर्तगत संचालित सृजनी दतक संस्थान पहुंचकर आवश्यक प्रक्रिया पूरा करने में जुटी थी। गुरुवार को नियमानुसार रानी को साथ लेकर डेनमार्क के लिए रवाना हुई।
नारीगुजंन की सचिव पद्मश्री सुधावर्गीज ने बताया कि सात जुलाई 2019 को बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार जीआरपी एवं रेलवे चाइल्ड के माध्यम से मासूम रानी को मुझे सौंपा गया था। पटना के तारेगना स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर लावारिस हालत में रानी मिली थी। उन्होंने बताया कि रानी स्पेशल चाइल्ड है। केंद्रीय दतक ग्रहण संस्थान प्राधिकरण महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा दानिश अंतरराष्ट्रीय दतक ग्रहण डेनमार्क के माध्यम से रानी को डेनमार्क के युवती को सौंपा गया। उन्होंने बताया कि व्यवहार न्यायालय के प्रिसिपल जज संजय कुमार द्वारा न्यायालय का आदेश पत्र निर्गत किया गया था। इसके बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी ने जन्म प्रमाणपत्र निर्गत किया गया। सारी प्रक्रिया होने के बाद अपर अनुमंडलाधिकारी हर्ष प्रियदर्शी, बाल संरक्षण पदाधिकारी संगीत कुमार ठाकुर, समन्वयक सविता कुमारी की उपस्थिति में डेनमार्क की युवती को रानी को सौंपा गया।