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आतंकी भुल्लर को नहीं मिली माफी

खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के आतंकी देविंदर पाल सिंह भुल्लर को फांसी से माफी नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भुल्लर की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए उसकी फांसी पर एक बार फिर मुहर लगा दी है। भुल्लर ने दया याचिका के निपटारे में देरी के आधार पर फांसी को उम्रकैद में बदलने से मना करने के फैसले पर प

By Edited By: Published: Thu, 15 Aug 2013 01:49 AM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2013 01:50 AM (IST)
आतंकी भुल्लर को नहीं मिली माफी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के आतंकी देविंदर पाल सिंह भुल्लर को फांसी से माफी नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भुल्लर की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए उसकी फांसी पर एक बार फिर मुहर लगा दी है। भुल्लर ने दया याचिका के निपटारे में देरी के आधार पर फांसी को उम्रकैद में बदलने से मना करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की थी।

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जस्टिस जीएस सिंघवी एवं जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की पीठ ने भुल्लर की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए कहा कि उन्हें अपने फैसले में ऐसी कोई खामी नजर नहीं आती कि उस पर पुनर्विचार किया जाए। भुल्लर को सितंबर 1993 में दिल्ली में हुए कार बम धमाके में मौत की सजा सुनाई गई थी। इस धमाके में 9 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि तत्कालीन युवा कांग्रेस अध्यक्ष मनिंदर जीत सिंह बिट्टा सहित 17 लोग घायल हुए थे। सुप्रीम कोर्ट तक से सजा पर मुहर लगने के बाद भुल्लर ने 14 जनवरी 2003 को राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल की जिसे राष्ट्रपति ने 25 मई 2011 को खारिज कर दिया। भुल्लर ने दया याचिका के निपटारे में आठ साल से अधिक समय लगने को आधार बनाते हुए फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील करने की मांग की थी। याचिका में भुल्लर के मानसिक रूप से स्वस्थ्य न होने को भी आधार बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 12 अप्रैल को भुल्लर की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि ये कैसंी बात है कि जो लोग दूसरों पर जरा भी दया या तरस नहीं खाते वे दया की भीख मांग रहे हैं। राष्ट्रपति व राज्यपाल के यहां से दया याचिका निपटाने में हुई देरी को आधार बना कर मौत की सजा को कम करने की मांग कर रहे हैं। उस फैसले में कोर्ट ने ये भी कहा था कि टाडा और ऐसे ही गंभीर अपराधों में दोषियों की फांसी देरी के आधार पर उम्रकैद में नहीं बदली जा सकती। ये अपराध उन मामलों से भिन्न होते हैं जो संपत्ति या निजी दुश्मनी के चलते हत्या करने के होते हैं। आतंकी विकृत राजनीतिक व अन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बंदूक बम एवं अन्य हथियारों का प्रयोग कर बड़े पैमाने पर लोगों की हत्या करते हैं या देश के खिलाफ युद्ध छेड़ देते हैं। वे निर्दोषों को मारने से पहले एक सेकेंड भी नहीं सोचते।

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