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अनाथ बच्चों और वयस्कों का भी बनेगा जाति, आवासीय व आय प्रमाण पत्र

मधुबनी। अनाथालय में रहने वाले एवं बेसहारा बच्चे जिनके माता-पिता की जाति एवं आवास की जानकारी उपलब्ध नहीं है उन बच्चों को भी अब जाति आवासीय एवं आय प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 12:58 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 12:58 AM (IST)
अनाथ बच्चों और वयस्कों का भी  बनेगा जाति, आवासीय व आय प्रमाण पत्र
अनाथ बच्चों और वयस्कों का भी बनेगा जाति, आवासीय व आय प्रमाण पत्र

मधुबनी। अनाथालय में रहने वाले एवं बेसहारा बच्चे, जिनके माता-पिता की जाति एवं आवास की जानकारी उपलब्ध नहीं है, उन बच्चों को भी अब जाति, आवासीय एवं आय प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा। राज्य के अधीन ऐसे बेसहारा बच्चे जो प्राकृतिक आपदा अथवा अन्य त्रासदी के कारण अनाथ हुए हों, उनकी जाति, आवासीय एवं आय प्रमाण पत्र निर्गत करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने का मामला राज्य सरकार के समक्ष विचाराधीन था। लेकिन, इस मामले की समीक्षा करने व विधिक परामर्श प्राप्त करने के उपरांत सामान्य प्रशासन विभाग ने अनाथ एवं बेसहारा बच्चों के जाति, आवासीय एवं आय प्रमाण पत्र निर्गत करने का निर्णय लेते हुए इन प्रमाण पत्रों के निर्गत करने के तौर-तरीकों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकार के संयुक्त सचिव के हस्ताक्षर से उक्त दिशा-निर्देश से अवगत कराने के लिए सभी संबंधितों को पत्र भेज दिया है। -------------

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क्या हैं दिशा-निर्देश : - अनाथालय अथवा स²श्य संस्थाओं में पलने वाले अनाथ एवं बेसहारा बच्चों को यदि किसी परिवार या दंपती द्वारा गोद लिया जाता है तो इस बच्चे की जाति उस परिवार के पुरुष सदस्य की जाति के आधार पर निर्धारित की जाए। - गोद लेने वाले दंपती के आवासीय पते के आधार पर ऐसे बच्चों का आवासीय प्रमाण पत्र एवं गोद लेने वाले परिवार के आय के आधार पर आय प्रमाण पत्र निर्गत किया जाए। - अनाथालय अथवा स²श्य संस्थान में पलने एवं इसी संस्थान में व्यस्क हो जाने की स्थिति में उनकी जाति सामान्य कोटि की मानी जाए। - अनाथालय में आवासित बच्चों को यदि आवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता हो तो उसे अनाथालय, जिसमें अनाथ बच्चा आवासित हो, का ही पता अंकित करते हुए आवासीय प्रमाण पत्र निर्गत किया जाए। - अनाथालय छोड़ चुके व्यस्क व्यक्ति (गोद लिए जाने वाले बच्चों से भिन्न मामले में) की जाति सामान्य कोटि में विनिश्चित की जाए और इनके आय एवं आवासीय प्रमाण पत्र इनके स्वयं के आय एवं यथास्थिति अस्थाई अथवा स्थाई अवासीय प्रमाण पत्र वर्तमान आवास के आधार पर निर्गत किया जाए।


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