कुशीनगर में फसल की दुश्मन बनीं नीलगाय, बर्बाद हो रहे किसान
कुशीनगर के पटहेजरवा क्षेत्र के किसान नीलगायों का कहर झेल रहे हैं गेहूं की फसल देखते ही देखते नष्ट हो जा रहे हैं।
कुशीनगर : पटहेरवा क्षेत्र में नीलगायों की भरमार हो गयी है। फसलों को रौंदने व नुकसान होने से किसान चितित हैं। शिकायत के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम न उठाए जाने से किसानों में आक्रोश है।
गन्ने की फसल कटने के बाद नीलगायों के निशाने पर गेहूं, मक्का तथा तिलहन की फसलें आ गई हैं। यह झुंड में रहकर फसल चरते हुए रौंद कर बर्बाद कर रही हैं। इससे पटहेरवा, बलुआ, बगही, मीर बिहार, महुअवा, मोगलपुर व गगलवा के किसान बुरी तरह प्रभावित हैं। किसान रामचंद्र गुप्ता, मोहन प्रसाद, अलिउल्लाह, सत्येंद्र कुमार आदि का कहना हैं कि प्रशासन ने प्रभावी कदम नहीं उठाया तो किसान बर्बाद हो जाएंगे।
सामान्य प्रजाति की पर्ची जारी न होने से मायूसी
सेवरही केन यूनियन द्वारा सामान्य प्रजाति के गन्ना की पर्ची (मैसेज) जारी किए जाने से किसानों में आक्रोश है। अभी तक केन यूनियन द्वारा उन्हीं किसानों की पर्ची जारी की जारी है, जिन्होंने अर्ली प्रजाति की गन्ना की बोआई की है। इस वजह से सामान्य प्रजाति का गन्ना बोने वाले किसान परेशान हैं।
सेवरही चीनी मिल द्वारा पहले उन किसानों की गन्ना की पेराई की जा रही है, जो अर्ली प्रजाति का गन्ना ला रहे हैं। स्थिति यह है कि पर्ची के अभाव में किसान सामान्य प्रजाति का गन्ना औने-पौने दाम पर क्रशर पर बेचने को मजबूर हैं, ताकि अपना खेत खाली कर गेहूं की बोआई कर सकें। किसान दर्शन गुप्ता, हीरालाल, हरिशंकर, राजेंद्र यादव, रामशंकर, रामचंद्र गुप्ता आदि किसानों ने प्रशासन से अर्ली पर्ची के साथ सामान्य प्रजाति की पर्ची उपलब्ध कराए जाने की मांग की है।
गन्ना पड़ताल में लापरवाही, भुगत रहे किसान
त्रिवेणी चीनी मिल रामकोला पंजाब क्षेत्र में गन्ना पड़ताल में की गई लापरवाही किसानों पर भारी पड़ रही है। उन्हें समय से पर्ची जारी नहीं हो पा रही है, जिसका लाभ गन्ना माफिया उठा रहे है।
क्षेत्र का गन्ना बिहार जा रहा है और औने-पौने दाम पर क्रशर पर भी देने के लिए किसान मजबूर हैं। दुबौली के किसान सुदामा कुशवाहा, वीरेंद्र कुशवाहा, श्रीनिवास सिंह, मुहम्मदा जमीन सिकटिया के सत्येंद्र सिंह, उदय प्रताप सिंह, मुहम्मदा बरवापट्टी के दुर्गेश कुमार, सिकटिया के सुरेश सिंह, गड़ेरीपट्टी के जनार्दन मिश्र, बनटोलवा के रामगोपाल सिंह आदि किसानों का कहना है कि जनवरी में भी पेड़ी गन्ना की सप्लाई पर्ची नहीं मिली है।