आइआइटी खड़गपुर का एमएसएमइ उत्पादों की गुणवत्ता की जांच का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित उपकरण तैयार
छोटे आकार वाले इस उपकरण की सहायता से सूक्ष्म व लघु उद्योगों को अब उत्पादों के लिए मानवीय जांच पर नहीं रहना पड़ेगा निर्भर। ऑटोमेशन डिजिटलाइजेशन का महत्वपूर्ण पहलू है और यह समय की मांग भी है। मानवीय जांच प्रभावी नहीं होती। इससे उत्पाद की लागत भी बढ़ती है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी) खड़गपुर ने एमएसएमइ उत्पादों की गुणवत्ता की जांच के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) पर आधारित छोटे आकार वाला एक उपकरण तैयार किया है। आइआइटी खड़गपुर के प्रवक्ता ने गुरुवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा-' इस उपकरण से सूक्ष्म व मझोले उद्योगों को काफी फायदा पहुंचेगा, जो अपने उत्पादों के लिए मानवीय जांच पर निर्भर रहते हैं। उत्पादों की फौरी तौर पर जांच के दौरान कुछ नमूनों के त्रुटिपूर्ण पाए जाने पर पूरे बैच को खारिज कर दिया जाता है। इससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। हमारा उपकरण बैच के सेटअप के समय उत्पादों की तस्वीरें खींचेगा और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए उन्हें एआइ आधारित सॉफ्टवेयर के पास भेजेगा।
हमारा उपकरण प्रत्येक उत्पाद की कम लागत पर जांच कर सकता
'इस उपकरण को तैयार करने वाली टीम में प्रोफ़ेसर सूर्य के. पाल व देवाशीष चक्रवर्ती, प्रवंजन नायक और अयन बनर्जी शामिल हैं। आइआइटी खड़गपुर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी के प्रमुख सूर्य के. पाल ने कहा-'हमारा उपकरण बैच में शामिल प्रत्येक उत्पाद की निम्न लागत पर जांच कर सकता है।
सूक्ष्म व लघु उद्योगों को होने वाले नुकसान से निजात दिलाएगा
ऑटोमेशन डिजिटलाइजेशन का महत्वपूर्ण पहलू है और यह समय की मांग भी है। मानवीय जांच प्रभावी नहीं होती। इससे उत्पाद की लागत भी बढ़ती है। मानवीय जांच में कुछ नमूनों का चयन किया जाता है। जांच में उनमें से किसी एक उत्पाद के त्रुटिपूर्ण पाए जाने पर पूरे बैच को ही खारिज कर दिया जाता है, जो सही नहीं है। हमारा उपकरण इसकी वजह से सूक्ष्म व लघु उद्योगों को होने वाले नुकसान से निजात दिलाएगा।'