बिजली बिल खोल सकता अवैध खनन का पोल
जागरण संवाददाता साहिबगंज जिले में पत्थर के अवैध खनन व परिवहन का खेल काफी पुराना है। वष
जागरण संवाददाता, साहिबगंज : जिले में पत्थर के अवैध खनन व परिवहन का खेल काफी पुराना है। वर्षो से यह चल रहा है। प्रशासन ने कभी इसे रोकने के लिए गंभीरता से प्रयास नहीं किया। क्षेत्र विशेष में कभी-कभी अभियान जरूर चलाया गया। पत्थर के अवैध खनन में जुटे लोगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि बिना सीटीई (स्थापना की सहमति) व सीटीओ (संचालन की सहमति) बिजली का कनेक्शन भी ले लिया। वैसे प्रशासन चाहे तो कनेक्शन लेने के बाद उनके द्वारा भुगतान किए गए बिजली के बिल के आधार पर किए गए अवैध खनन का हिसाब निकाला सकता है। वैसे अवैध खनन में जुटे कुछ लोगों ने पकड़ाने के भय से बिजली का कनेक्शन लिया ही नहीं। ऐसे लोग महंगा होने के बाद भी डीजल इंजन से क्रशर का संचालन करते हैं।
बिजली विभाग के सूत्रों की मानें तो जिले में करीब ढाई सौ लोगों ने क्रशर के लिए बिजली का कनेक्शन लिया है और वे नियमित रूप से बिजली बिल का भुगतान भी करते हैं। इनमें से आधे से भी कम लोगों के क्रशर के सभी दस्तावेज दुरुस्त हैं। कोटालपोखर इलाके में सबसे अधिक अवैध क्रशर चल रहे हैं। पिछले दिनों खनन टास्क फोर्स की बैठक के दौरान उपायुक्त रामनिवास यादव ने बिना सीटीई व सीटीओ वाले क्रशर की बिजली काटने का निर्देश विभाग को दिया। डीसी के निर्देश के बाद बिजली विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने वरीय अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा था। हालांकि, वरीय अधिकारियों ने उपायुक्त के निर्देश का पालन करने का निर्देश दिया है। इसके बाद कुछ कनेक्शन को काटा भी गया है, लेकिन अब भी डीसी के आदेश का पूरी तरह पालन नहीं हुआ है। बिजली विभाग के अधिकारी राजस्व की क्षति की बात कहते हुए कनेक्शन काटने से कतरा रहे हैं। दो दर्जन क्रशर संचालकों को नोटिस : कुछ माह पूर्व जिला खनन टास्क फोर्स की बैठक में राष्ट्रीय उच्च पथ व राज्य उच्च पथ के किनारे स्थित क्रशर का सीटीओ रद करने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने क्रशर की जांच की। इनमें से करीब दो दर्जन क्रशर एनएच व एसएस से सौ मीटर दूरी के अंदर हैं। ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के रांची स्थित कार्यालय से सभी को नोटिस भेजा गया है। सभी को दो मार्च को रांची में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना है। जवाब से असंतुष्ट होने के बाद सभी का सीटीओ रद कर दिया जाएगा। प्रदूषण जांच को लगेगी मशीन : वायु प्रदूषण की जांच के लिए साहिबगंज, पाकुड़ व दुमका में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से मशीन लगाई जा रही है। दुमका में मंगलवार को इसे लगा दिया गया। पाकुड़ व साहिबगंज में भी यह एक-दो दिन में लग जाएगी। इसके बाद यहां के प्रदूषण के स्तर पर बोर्ड के रांची व दुमका स्थित कार्यालय में बैठे अधिकारी मॉनीटरिग कर सकेंगे। इससे वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
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जांच-पड़ताल के दौरान जिले में व्यापक पैमाने पर अवैध खनन की पुष्टि हुई है। संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जा रही है। मानकों का उल्लंघन करने पर कुछ क्रशर संचालकों को नोटिस भी भेजा गया है। दो मार्च को उन्हें मुख्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
केके पाठक, क्षेत्रीय पदाधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दुमका