गाली- गलौज व अभद्रता के आरोप में डीआइजी ने किए दारोगा व दो कांस्टेबल निलंबित
आमजन के साथ पुलिसकर्मियों की ओर से की गई अभ्रदता को डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने तत्काल नेहरू कॉलोनी थाने में तैनात दारोगा देवेंद्र गुप्ता व कोतवाली ऋषिकेश में तैनात कांस्टेबल संजय सेजवाल व नीरज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
देहरादून,जेएनएन। आमजन के साथ पुलिसकर्मियों की ओर से की गई अभ्रदता को डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने तत्काल नेहरू कॉलोनी थाने में तैनात दारोगा देवेंद्र गुप्ता व कोतवाली ऋषिकेश में तैनात कांस्टेबल संजय सेजवाल व नीरज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। दोनों मामलों की जांच दोनों थानों के सीओ को सौंपी है।
डीआइजी के पास पहला वीडियो कैलाश डोभाल नाम के व्यक्ति ने भेजा। उन्होंने बताया कि वह अपने परिवार के साथ कहीं काम से जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में वाहनों की चेकिंग कर रहे नेहरू कॉलोनी थाने के दारोगा देवेंद्र गुप्ता ने उन्हें रोका। मास्क न पहनने पर उनके साथ गाली गलौच करनी शुरू कर दी। इस दौरान उनके साथ उनका परिवार भी था। डीआइजी ने जब वीडियो देखा तो उन्होंने तत्काल दारोगा को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए। डीआइजी ने मामले की जांच सीओ नेहरू कॉलोनी पल्लवी त्यागी से करवाने के भी आदेश जारी किए हैं। सीओ तीन दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेंगी। वीडियो यदि सही पाई जाती है तो दारोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
दूसरा वीडियो ऋषिकेश था। जहां एक सब्जी की दुकान में बैठे एक बीमार युवक को कांस्टेबल संजय सेजवाल व नीरज ने बाहर खींचकर जमीन पर लिटा दिया और उसे थप्पड़ मारे। युवक का कसूर सिर्फ इतना था कि मास्क होने के बावजूद उसने मास्क नहीं पहना था। इस दौरान वीडियो बना रहे व्यक्ति के साथ भी पुलिसकर्मियों ने मारपीट करते हुए गाली गलौच की। डीआइजी ने दोनों कांस्टेबलों को तत्काल निलंबित करते हुए जांच सीओ ऋषिकेश से करवाने के निर्देश जारी किए हैं।
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अभद्रता नहीं होगी बर्दाश्त
डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि यदि कोई मास्क नहीं पहनता तो पुलिस को चालान करने का अधिकार है। किसी के साथ अभद्रता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगी। जनता के साथ अभद्रता करने वाले पुलिसकर्मी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। तत्काल उसे निलंबित कर उसकी जांच करवाई जाएगी। यदि जांच में पुलिसकर्मी अभद्रता करते दिखता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा। आगे यदि जनता के साथ अभद्रता होती है इसके लिए संबंधित थानाध्यक्ष जिम्मेदार होगा। उसके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।