Dainik Jagran Samvadi 2019 Lucknow UP : महिमा चौधरी ने मी-टू कैंपेन को सही बताया, कहा-कई लड़कियां हुईं शिकार
Danik Jagran Samvadi 2019 Lucknow UP Live Updates:लखनऊ एक ऐसी सरजमीं है जहां संस्कृतियां आती गई और यह उन्हें आत्मसात करता गया। इस सब संस्कृतियों को अपने में आत्मसात करने की चुनौती भी संवादी के समक्ष है तो आप लोगों का संबल भी। आयोजन आपके शहर का है, आपके शहर में है, आप लोगों का है। संबंध नहीं है तो भी मेरे रंग में रंग जाइए क्योंकि ये मौका फिर एक साल बाद ही आएगा। तो आइए...मंच तैयार है।
Dainik Jagran Samvadi 2019 Lucknow UP :लखनऊ एक ऐसी सरजमीं है जहां संस्कृतियां आती गई और यह उन्हें आत्मसात करता गया। इस सब संस्कृतियों को अपने में आत्मसात करने की चुनौती भी संवादी के समक्ष है तो आप लोगों का संबल भी। आयोजन आपके शहर का है, आपके शहर में है, आप लोगों का है। संबंध नहीं है तो भी मेरे रंग में रंग जाइए क्योंकि ये मौका फिर एक साल बाद ही आएगा। तो आइए...मंच तैयार है।
केवल गीत को स्वर दे देना लोकगीत नहीं : मालिनी अवस्थी
छठे और आखिरी सत्र अवध की माटी से उठती धुन में लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने कहा, केवल गीत को स्वर दे देना लोकगीत नहीं है। इसमें जब तक हमे लोक का चित्र न दिखे लोकगीत पूर्ण नहीं होता हैै। लोकगीत लोक में जीवंत है। कहा, हिंदी और भोजपुरी दोनों ही मेरी भाषा है। भारतीय सिनेमा में भी अवधी का चलन बढ़ा है। लोग फ़िल्म देखकर कहते हैं कि इसमें साउथ और भोजपुरी का कॉकटेल है।
घर छोड़ा है तो कुछ करके दिखाओ
कास्टिंंग डॉयरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने कहा, जिम जाने से, गुड लुकिंग होने से कोई हीरो नहीं बन जाता है । आप जैसे हो वैसे ही ओरिजिनल एक्टिंग करो तभी आप अपनी अलग पहचान बना पाओगे । घर छोड़कर भाग रहे हो तो वापस सफल बन के आओ। हमें अपना मूल्यांकन करना चाहिए ।
महिमा चौधरी ने मी-टू कैंपेन का किया समर्थन
पांचवें सत्र सुनहले पर्दे का ख़्वाब में अभिनेत्री महिमा चाैधरी ने कहा, बड़े पर्दे पर दिखने के लिए आपकी खूबसूरती मायने नहीं रखती, बल्कि आपका करेक्टर ज्यादा मायने रखता है। उत्तर प्रदेश के शामली में जन्मी महिमा ने मी-टू कैंपन का समर्थन किया। कहा, इंडस्ट्री में इस तरह की बातें आम है। कई लड़कियां इसकी शिकार हुईं हैं, लेकिन सभी के साथ ऐसा नहीं होता है। उन्होंने अपनी सफलता का सारा श्रेय अपनी मां को दिया। कहा, मैं मां के लिए बहुत कुछ करना चाहती हूं।
क्षेत्रीय या राष्ट्रीय नहीं होती है विचारधारा
कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, राजनीति समाज को बनाने के लिए होती है। हम फाइट टू फिनिश नहीं करते हैं। हर दल की अपनी भूमिका और सिद्धांत होते हैं। उप्र की बात करें तो धर्म की राजनीति नीचे आएगी तो सभी दल अपनी जगह पा लेंगे। वहीं वरष्ठि सपा नेता राजेंद्र चाैधरी ने कहा, राजनीति विचारधारा के लिए होती है और विचारधारा क्षेत्रीय या राष्ट्रीय नहीं होती। चौथे सत्र क्षेत्रीय राजनीति का भविष्य में वक्ता अपने विचार रख रहे थे। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी ने कहा कि क्षेत्रीय दलों की अपनी ताकत है। ज्यादातर राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी ताकत में हैं या इनके बिना सरकार नहीं बन रही।लोकतंत्र के लिए क्षेत्रीय पार्टियों का होना बहुत जरूरी है। संचालन लखनऊ दैनिक जागरण के स्थानीय संपादक सद्गुरुशरण अवस्थी ने किया।
हौसले का हिमालय
तीसरे सत्र हौसले का हिमालय में उमेश पंत ने कहा, आज महिलाएं पहाड़ों पर नेतृत्व कर रही हैं | दिल्ली जैसे शहर में लड़कियां सफर करने में डरती हैं। वही पर्वतीय इलाकों में यादि आप किसी महिला के साथ सफर कर रहे तो बिल्कुल सुरक्षित हैं।
अगर औरत की जिन्दगी में सुकून होता तो आज हम यहां गुफ्तगूं न करते : नाइश हसन
दूसरा सत्र- महिला होने का दंश विषय पर सामाजिक कार्यकर्ता नाइश हसन ने कहा कि अगर औरत की जिन्दगी में सुकून होता तो आज हम यहां गुफ्तगू न करते। वहीं, प्रख्यात साहित्यकार मीनाक्षी स्वामी ने कहा कि हमें कुछ संस्कार पुरुषों को भी देना चाहिए, ताकि वो महिलाओं को बराबरी का दर्जा दें। यह काम शुरुआती दौर में मां से बेहतर कोई नहीं कर सकता। बदलाव के लिए कुछ परंपराओं को तोड़ना होगा। सत्र में वक्ताओं ने उठाई महिलाओं को संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग।
भारतीय सिनेमा का हिंदी के प्रचार-प्रसार में बेहतर योगदान : लेखक यतीन्द्र मिश्रा
पहला सत्र : हिंदी का बढ़ता दायरा विषय पर लेखक यतीन्द्र मिश्रा ने कहा कि भारतीय सिनेमा ने हिंदी के प्रचार-प्रसार में बेहतर योगदान दिया है। वहीं, रामोहन पाठक ने कहा कि आज हिंदी का दायरा दक्षिण भारत में भी अग्रसर है।
ये कोई लिटरेचर फेस्टिवल नहीं, अभिव्यक्ति का उत्सव हैं - अनंत विजय
दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर अनंत विजय ने कहा कि ये कोई लिटरेचर फेस्टिवल नहीं, अभिव्यक्ति का उत्सव है। पाठकों को अभिव्यक्ति से जोड़ना दैनिक जागरण अपनी जिम्मेदारी समझता है।
ये संवाद का उत्सव और विचारों का खजाना है - विष्णु त्रिपाठी
दैनिक जागरण के एग्जीक्यूटिव एडिटर विष्णु त्रिपाठी ने कहा कि ये संवाद का उत्सव है। विचारों का खजाना है। साहित्य, संस्कृति, सिनेमा, समाज समेत विविध विषयों पर बात होगी।
ऋग्वेद दुनिया का प्राचीनतम इन्साक्लोपीडिया है - हृदय नारायण दीक्षित
हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि भारत की आधुनिकता व दुनिया के अन्य देशों की आधुनिकता में अंतर है। भारत में लोग ईश्वर के खोजी रहे हैं, दुनिया में बाकी लोग विश्वासी हैं। ऋग्वेद दुनिया का प्राचीनतम इनसाइक्लोपीडिया है।