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गुरुद्वारा नानकसर साहिब के संत बाबा जसवंत सिंह पंचतत्व में विलीन

सतनाम वाहेगुरु का जाप संगत का हुजूम फूलों से सजे वाहन में बाबा जसवंत सिंह का पार्थिव शरीर। समराला चौक स्थित गुरुद्वारा नानकसर साहिब के संत बाबा जसवंत सिंह की अंतिम यात्रा में शामिल हर शख्स आंखें नम थीं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 01:53 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 01:53 AM (IST)
गुरुद्वारा नानकसर साहिब के संत बाबा जसवंत सिंह पंचतत्व में विलीन

जागरण संवाददाता, लुधियाना: सतनाम वाहेगुरु का जाप, संगत का हुजूम, फूलों से सजे वाहन में बाबा जसवंत सिंह का पार्थिव शरीर। समराला चौक स्थित गुरुद्वारा नानकसर साहिब के संत बाबा जसवंत सिंह की अंतिम यात्रा में शामिल हर शख्स आंखें नम थीं। शनिवार से दिन-रात बाबा जसवंत सिंह के दर्शन करवाने के बाद रविवार दोपहर लगभग एक बजे गुरुद्वारा नानकसर साहिब से जब अंतिम यात्रा निकली तो भारी संख्या में संगत उन्हें अंमित विदाई देने के लिए उमड़ पड़ी। इनमें पंजाब के अलावा देश के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालु भी शामिल थे।

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गुरुद्वारा साहिब से अंतिम संस्कार स्थल श्री गुरु अमरदास चेरिटबल अस्पताल परिसर तक की दूरी मात्र दो किलोमीटर की थी और शव यात्रा का यह सफर पूरा करने में दो घंटे लगे। श्रद्धालु बाबा जी के दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े। रास्ते में जगह-जगह संस्थाओं की ओर से बाबा जी के सम्मान में पुष्प वर्षा की गई। श्री गुरु अमरदास चेरिटेबल अस्पताल के सामने सजे अंगीठा साहिब में सतनाम वाहेगुरु का जाप करते हुए बाबा जी का शव रखा गया। बाबा जी के भतीजे अनहद राज सिंह और संतों ने मिलकर उनकी पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। इसके साथ ही पूरा परिसर वाहेगुरु के जाप से गूंज उठा। इस दौरान नानकसर से जुड़े श्रद्धालुओं के अलावा अन्य धर्मों के लोग, राजनीतिक व सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने बाबा जसवंत सिंह को श्रद्धांजलि भेंट की। बाबा जी ने पहले ही बता दिया था अपने अंतिम संस्कार का स्थल

बाबा जसवंत सिंह का अंतिम संस्कार किसी शमशान घाट की बजाए उनके द्वारा बनाए जा रहे श्री गुरु अमरदास चेरिटेबल अस्पताल परिसर में किया गया। जिस चाहत से उन्होंने अस्पताल की इमारत का निर्माण खुद करवाया, उसी इमारत के सामने उनका संस्कार किया गया। अपने अंतिम संस्कार स्थल का चयन खुद उन्होंने पहले ही कर दिया गया था। साथ ही उन्होंने अपने सेवकों को कहा था कि कौन से वस्त्र पहनाकर उन्हें अंगीठा साहिब में ले जाया जाए। अब अस्पताल परिसर के गुरुद्वारा साहिब का निर्माण भी किया जाएगा। भतीजे अनहद राज को बनाया बाबा जी का उत्तराधिकारी

गुरुद्वारा नानकसर साहिब के अलावा बाबा जसवंत सिंह द्वारा चलाए जा रहे डेंटल कालेज, निर्माणाधीन श्री गुरु अमरदास मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल व अन्य समाजसेवी कार्यों की जिम्मेदारी अब बाबा जी के भतीजे अनहद राज सिंह संभालेंगे। बाबा जी के अंतिम संस्कार के बाद संतों और संप्रदाय से जुड़े लोगों ने अनहद राज को सिरोपा सौंपकर बाबा जी के कार्यों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी।


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