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अनोखी सरकार में अनदेखी कारगुजारियां

देश का वित्त मंत्री अपने कार्यालय मे जासूसी की शिकायत करे! वित्त मंत्री और गृह मंत्री को बयान जारी कर आपसी रंजिश पर सफाई देनी पड़े! संप्रग-2 के पहले तीन साल मे ऐसे अनोखे काम हुए है कि जिनकी मिसाल मुश्किल है।

By Edited By: Published: Tue, 22 May 2012 06:45 PM (IST)Updated: Tue, 22 May 2012 07:44 PM (IST)
अनोखी सरकार में अनदेखी कारगुजारियां

नई दिल्ली [नीलू रंजन]। देश का वित्त मंत्री अपने कार्यालय में जासूसी की शिकायत करे! वित्त मंत्री और गृह मंत्री को बयान जारी कर आपसी रंजिश पर सफाई देनी पड़े! संप्रग-2 के पहले तीन साल में ऐसे अनोखे काम हुए हैं कि जिनकी मिसाल मुश्किल है।

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लोकतंत्र में सरकार सामूहिक जिम्मेदारी के सिद्धांत पर टिकी होती है लेकिन मनमोहन सरकार के दो मंत्री प्रणब मुखर्जी और पी चिदंबरम के बीच अविश्वास की चरम तक पहुंच गया। टेबल के नीचे चिपके चुइंगम को जासूसी बग बता कर प्रधानमंत्री से शिकायत कर दी गई। अविश्वास का माहौल देखिए कि पहली बार वित्त मंत्रालय में निजी एजेंसी को जांच के लिए बुलाया गया। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में तत्कालीन वित्त मंत्री [पी चिदंबरम] की भूमिका पर सवाल से जुड़े एक नोट के लेकर प्रणब और चिदंबरम फिर भिड़ गए। आखिरकार चिदंबरम और वित्त मंत्री को सफाई देनी पड़ी कि उनके बीच कोई विवाद नहीं है।

अनुशासित सेना और सरकार के बीच पाला खिंचना अभूतपूर्व रहा। सेनाध्यक्ष के उम्र विवाद से शुरू होकर यह रक्षा मंत्री एके एंटनी के कार्यालय की जासूसी और अंतत सेना के दिल्ली कूच तक पहुंच गई। दोनों के बीच अविश्वास ऐसा था कि सेना से डरी सरकार ने उसके साधारण अभ्यास को दिल्ली कूच समझ कर उसे रोकने के उपाय में जुट गई।

इन तीन सालों में जनता ने देश की प्रतिष्ठित संस्थाओं की साख को बिखरते देखा। लोगों को पहली बार पता चला कि अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन करने वाला इसरो खुद भी भ्रष्टाचार में घिरा है और सरकार को इसके पांच ऐसे शीर्ष वैज्ञानिकों को निष्कासित करना पड़ा है, जिन्हें कभी सम्मानों से नवाजा गया था। देश की सुरक्षा के लिए बनी शीर्ष जासूसी एजेंसी एनटीआरओ भी इस बीच घोटाले के आरोपों में घिर गई। सबसे हैरानी की बात यह है कि खुद सेनाध्यक्ष ने जिन लेफ्टिनेंट जनरल को एनटीआरओ के प्रमुख बनाए जाने का सुझाव दिया, वही सेनाध्यक्ष को 14 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश करने पहुंच गए।

ऐसा भी हुआ था

-वित्त मंत्री ने की जासूसी की शिकायत, निजी एजेंसी से कराई जांच

-पी चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी बीच खुला टकराव

-अपनी ही सेना से डिगा सरकार का भरोसा, साधारण अभ्यास में भी दिखा दिल्ली कूच

-शीर्ष अंतरिक्ष वैज्ञानिकों पर भ्रष्टाचार का दाग।

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