सरकार हमारी सुध ले, हम सुधरी खेती देंगे
मंडल में जमीन उपजाऊ होने से गन्ना, गेहूं, धान और मैंथा आदि की पैदावार अच्छी है। भारत पहले मैंथा का आयात करता था, लेकिन अब निर्यात करता है। वर्ष 1
मुरादाबाद। मंडल में जमीन उपजाऊ होने से गन्ना, गेहूं, धान और मैंथा आदि की पैदावार अच्छी है। भारत पहले मैंथा का आयात करता था, लेकिन अब निर्यात करता है। वर्ष 1988 में मैंने मैंथा की शिवालिक प्रजाति की खोज की, आज देश में सबसे ज्यादा मैंथा रुहेलखंड क्षेत्र में ही पैदा हो रहा है। यह अलग बात है कि इस क्षेत्र में 80 फीसदी लघु एवं सीमात किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है। परिवार बढ़ते जा रहे हैं और जमीन बंटती जा रही हैं। छोटे किसान औद्यानिक खेती करने लगे हैं ताकि कुछ इकठ्ठा पैसा मिले। गन्ने और गेहूं के बीच में मैंथा लगाते हैं।
केंद्र सरकार ने दिल्ली के मंगोलपुरी में फूड एंड वेजीटेबल प्रोजेक्ट शुरू किया था। जहा एजेंट, किसान के खेत से सब्जी उठाते हैं। उसे कोल्ड स्टोर में रखते हैं। इसके बाद जगह-जगह स्टाल लगाकर बेचते हैं। ऐसे ही प्रोजेक्ट हमारी जमीन पर भी लाए जाने चाहिए, ताकि किसान अपनी उपज बेचने के लिए परेशान न हों। सरकार को खेत से सब्जी और अनाज उठाना चाहिए। किसान को अच्छा बीज और पानी भी सरकार को मुहैया कराना चाहिए। नलकूप हैं, लेकिन उन्हें बिजली नहीं मिल पाती। नहरे हैं मगर पानी नहीं होता। सरकार खेत तक पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाए। सरकार के पास अनाज रखने की व्यवस्था भी नहीं है। खुले में अनाज हर साल सड़ जाता है। किसान से आढ़ती सस्ता अनाज लेते हैं और मंहगा बेच देते हैं। सरकार को एक रेट तय करना चाहिए, ताकि किसान से लेकर आम आदमी तक को अनाज का वाजिब दाम मिल सके। किसान को अनाज लेकर भटकना न पड़े, इसके लिए किसान के खेत से ही अनाज उठाया जाए और खेत पर ही अनाज के दाम दिए जाएं।
[पदमश्री सुशील सहाय, मैंथा की शिवालिक प्रजाति के जनक]
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर