प्लांट लोड फैक्टर सुधारना होगा
बिजली की व्यवस्था सुधारने के लिए बुनियादी व्यवस्था सुधारनी होगी। इसके लिए सबसे पहले उत्पादन इकाइयों का लोड फैक्टर देखना होगा। सामान्यतया प्लाट लोड फैक्टर राष्ट्रीय मानक पर खरे उतरने चाहिए। दरअसल इसमें सुधार होने से उत्पादन की स्थिति में कुछ सुधार तो खुद हो जाएगा।
गोरखपुर। बिजली की व्यवस्था सुधारने के लिए बुनियादी व्यवस्था सुधारनी होगी। इसके लिए सबसे पहले उत्पादन इकाइयों का लोड फैक्टर देखना होगा। सामान्यतया प्लाट लोड फैक्टर राष्ट्रीय मानक पर खरे उतरने चाहिए। दरअसल इसमें सुधार होने से उत्पादन की स्थिति में कुछ सुधार तो खुद हो जाएगा।
प्रदेश में स्थापित उत्पादन इकाइयों में लगी मशीनें बेहद पुरानी हो चुकी हैं। नई इकाइयों की स्थापना यदि फिलहाल संभव न हो सके तो कम से कम इन मशीनों का या तो आधुनिकीकरण करा दिया जाए अथवा खराब होने का इंतजार किए बगैर ही नियमित अनुरक्षण कराया जाना सुनिश्चित हो जाए।
लोड फैक्टर की स्थिति राष्ट्रीय मानक के अनुरूप होने पर प्रदेश में 1500 से 2000 मेगावाट की बढ़ोतरी हो जाएगी। इससे बिजली की संपूर्ण समस्या का तो हल नहीं निकल सकेगा लेकिन कम से कम माग व आपूर्ति का कुछ अंतर जरूर कम हो जाएगा। प्रदेश के उत्पादन निगम को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
बिजली की व्यवस्था में सुधार के लिए उपभोक्ताओं पर भी नजर रखनी होगी। बिजली विभाग राजस्व वसूलने के लिए एक मुश्त समाधान योजना लागू करता है। डिफाल्टर उपभोक्ताओं से राजस्व वसूली के लिहाज से तो यह ठीक है लेकिन इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि इससे उन्हीं उपभोक्ताओं को फायदा मिलता है जो बिल जमा करने में रुचि ही नहीं लेते हैं। उनका अधिभार माफ हो जाता है। हर साल ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि होती रहती है। वे इस योजना का इंतजार करते रहते हैं। यह योजना उन्हें प्रोत्साहित करने जैसी ही है।
मेरा मानना है कि ऐसे डिफाल्टर उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने की बजाए समय से बिल जमा करने वालों को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई जानी चाहिए। ऐसा होने पर नियमित बिल जमा करने वालों की संख्या में वृद्धि होगी। राजस्व में वृद्धि होगी तो उसका फायदा सरकार को बिजली उत्पादन अथवा खरीदने में मिलेगा।
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