गफलत और फजीहत का अनोखा अंदाज
फिजां इतनी खराब थी कि हर कदम गलत पड़ा और हवा ऐसी थी गलती सुधारने की कोशिश बड़ी फजीहत बन गई। रामदेव की अगवानी करते मंत्री हो या अन्ना को गिरफ्तार करती और रिहा करती सरकार हो, आपस मे झगड़ते मंत्री हो या रेल बजट की बुरी गत हो या सेनाध्यक्ष के खिलाफ अदालत मे खड़ी सरकार हो ..संप्रग के रहनुमा अगर पलट कर पिछले तीन साल देखेगे तो उन्हे विशुद्ध फजीहत वाले प्रसंगो की पूरी फेहरिस्त नजर आएगी। इनमे तमाम फजीहते केवल सरकार की गफलत और तालमेल की कमी से उपजी थी।
नई दिल्ली [आशुतोष झा]। फिजां इतनी खराब थी कि हर कदम गलत पड़ा और हवा ऐसी थी गलती सुधारने की कोशिश बड़ी फजीहत बन गई। रामदेव की अगवानी करते मंत्री हों या अन्ना को गिरफ्तार करती और रिहा करती सरकार हो, आपस में झगड़ते मंत्री हों या रेल बजट की बुरी गत हो या सेनाध्यक्ष के खिलाफ अदालत में खड़ी सरकार हो ..संप्रग के रहनुमा अगर पलट कर पिछले तीन साल देखेंगे तो उन्हें विशुद्ध फजीहत वाले प्रसंगों की पूरी फेहरिस्त नजर आएगी। इनमें तमाम फजीहतें केवल सरकार की गफलत और तालमेल की कमी से उपजी थीं।
सरकार को पता था कि दिनेश त्रिवेदी का कठोर रेल बजट ममता बनर्जी को रास नहीं आएगा। रेल बजट पेश हुआ और इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि बजट पेश करने के साथ ही रेल मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा और प्रधानमंत्री लाचार खड़े देखते रह गए। अपने जनरल से सरकार का झगड़ा अभूतपूर्व था। न जनरल जीते न सरकार हारी, मगर इस विवाद ने सेना और सरकार दोनों की साख पर बड़े बडे़ दाग छोड़ दिए।
राष्ट्रमंडल खेल आयोजन ने भी सरकार को शर्मिदा किया। देश की साख बढ़ाने के लिए जुटा यह मेला बेतहाशा लूट का खेल साबित हुआ। प्रधानमंत्री को खुद लगाम थामनी पड़ी तो विवाद के दाग पीएमओ की तरफ बढ़ गए। यह एक अनोखा आयोजन था जिसमें खेल खत्म होते ही आयोजक जेल में थे।
सरकार की सबसे ज्यादा शर्मिदगी उसके अपने सामंजस्य की कमी से उपजी। 2जी के मुद्दे पर वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और गृह मंत्री पी चिदंबरम की तकरार जगजाहिर है। हाल के विधानसभा चुनाव के वक्त तीन-तीन केंद्रीय मंत्रियों के आचरण ने सरकार पर सवाल खड़ा कर दिया था। चुनाव आयोग को एक मंत्री के खिलाफ राष्ट्रपति तक से शिकायत करनी पड़ी थी।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर