बस रफ्तार पकड़ने की देर
उत्तर प्रदेश में हाशिये पर जा रहे उद्योगों के लिए माहौल बनना आज की सबसे बड़ी खुशखबरी है। विकास की रोशनी शहरों से निकलकर दूरदराज गावों तक पहुंचाने की गति भले ही अभी काबिलेतारीफ नहीं है, लेकिन प्रदेश में फिलहाल निवेश के लिए माहौल तो बनने लगा है। लखनऊ विश्वविद्यालय में
उत्तर प्रदेश में हाशिये पर जा रहे उद्योगों के लिए माहौल बनना आज की सबसे बड़ी खुशखबरी है। विकास की रोशनी शहरों से निकलकर दूरदराज गावों तक पहुंचाने की गति भले ही अभी काबिलेतारीफ नहीं है, लेकिन प्रदेश में फिलहाल निवेश के लिए माहौल तो बनने लगा है।
लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर व उत्तर प्रदेश के सामाजिक-राजनीतिक मामलों के जानकार सुधीर पवार मानते हैं कि नई उद्योग नीति का असर दिख रहा है। वह कहते हैं कि किसी भी राज्य या देश की प्रगति की दशा और दिशा उसके कर्मचारियों और अधिकारियों से होती है। ये सैनिक हैं और निराश या थके हुए सैनिकों के साथ कोई युद्ध नहीं जीता जा सकता।
सभी विभागों में अरसे बाद प्रोन्नतिया हुई हैं तो उनका उत्साह बढ़ा है। किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के साथ-साथ जनता और सरकार के बीच सवाद जैसे कदम अच्छे हैं। बस जरूरत अब इसे आगे बढ़ाने की है।
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