12 साल बाद मिला पिता की मौत का मुआवजा
नौ वर्ष की उम्र में एक सड़क हादसे में अपने पिता को खोने वाली पुत्री को 12 साल के लंबे इंतजार के बाद मुआवजा मिला। ठाणे मोटर दुर्घटना मुआवजा ट्रिब्यूनल ने ट्रक मालिक और बीमा कंपनी को 12 लाख के मुआवजे का आदेश दिया। अप्रैल 2000 में एक ट्रक द्वारा कार को टक्कर मारने की वजह से दक्षिता जैन के व्यवसायी पिता
ठाणे। नौ वर्ष की उम्र में एक सड़क हादसे में अपने पिता को खोने वाली पुत्री को 12 साल के लंबे इंतजार के बाद मुआवजा मिला। ठाणे मोटर दुर्घटना मुआवजा ट्रिब्यूनल ने ट्रक मालिक और बीमा कंपनी को 12 लाख के मुआवजे का आदेश दिया।
अप्रैल 2000 में एक ट्रक द्वारा कार को टक्कर मारने की वजह से दक्षिता जैन के व्यवसायी पिता राजकुमार जैन की मौत हो गई थी। ब्रेड का व्यवसाय करने वाले राजकुमार की आमदनी से घर का खर्च चलता था। दक्षिता की मां का देहांत भी उसकी पिता की मौत के बाद एक साल के अंतराल में हो गया था।
दक्षिता ने अपने पिता की मौत के बाद 15 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की थी। सुनवाई के बाद अदालत ने मुआवजा देने के लिए ट्रक मालिक और बीमा कंपनी नेशनल इंश्योरेंस को संयुक्त रूप से उत्तरदायी ठहराया। अदालत ने कहा कि दुर्घटना ट्रक चालक की उतावली और लापरवाही की वजह से हुई थी।
अदालत ने मृतक की उम्र और दावेदारी को ध्यान में रखते हुए प्रतिवर्ष 56 हजार रुपये की आमदनी को आधार मानते हुए उसे 15 से गुणा करते हुए 8.40 लाख रुपये बतौर मुआवजा राशि तय की। अदालत ने इसके साथ ही अंतिम संस्कार का खर्च 2 हजार रुपये और मृत्यु राशि 5 हजार रुपये तय की। अदालत ने हादसे की तिथि से लेकर अब तक कुल मुआवजे पर 7 फीसद से ब्याज देने का भी निर्देश दिया।
आदेश के बाद बीमा कंपनी ने निर्धारित राशि अदालत में जमा करवा दी, लेकिन साथ ही अपनी आपत्ति भी दर्ज करवा दी। अदालत ने सभी आपत्तियों को खारिज करते हुए पिछले हफ्ते दक्षिता जैन को मुआवजे की राशि जारी कर दी।
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