पर्यावरण व विकास की चुनौतियों पर है नजर
पर्यावरण के मुद्दे पर स्थानीय लोगों के साथ जुड़कर गोरखपुर एनवायरनमेंटल एक्शन ग्रुप पिछले 37 वर्षो से कार्य कर रहा है। 1
गोरखपुर। पर्यावरण के मुद्दे पर स्थानीय लोगों के साथ जुड़कर गोरखपुर एनवायरनमेंटल एक्शन ग्रुप पिछले 37 वर्षो से कार्य कर रहा है। 1970 के दशक से पर्यावरण व विकास को एक ही सिक्के के दो पहलू की अवधारणा पर ग्रुप आज भी कायम है। खासतौर पर गोरखपुर जैसे शहरों को जिन पर गांवों की गहरी छाप है। गु्रप का मानना है कि कुछ ही दशकों में दुनिया की शहरी आबादी गांवों के बराबर होगी। गोरखपुर जैसे तेजी से बढ़ते शहर जो पहले से ही आधार भूत आवश्यकताओं व संरचनाओं जैसे सड़क, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, सीवर, जलनिकासी आदि से जूझ रहे हैं, कैसे आने वाले दशकों में नागरिकों को स्वच्छ पेयजल व विकास दें पाएंगे। इसी चिंता व विचारों के साथ ग्रुप ने दो वर्ष पहले गोरखपुर महानगर को वर्तमान व भविष्य के पर्यावरण व विकास की चुनौतियों पर शोध, जनजागरुकता व स्थानीय प्रयोगों को प्रारंभ किया।
भावी चुनौतियों को जलवायु परिवर्तन के नजरिए से देखने की शुरूआत हुई। महानगर के पार्को व ताल-तलैयों के संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन, नियोजन जैसे महत्वपूर्ण कार्यो पर संजीदा काम किए गए और यह सभी स्थानीय नागरिकों के नेतृत्व में हुए। करीब दो वर्ष पहले भारत के जिन तीन महानगरों में जलवायु परिवर्तन संबंधी रणनीति बनी, उसमें सूरत व इन्दौर के अलावा गोरखपुर ने भी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पटल पर अपने अनुभवों से लोगों को आकर्षित किया। शोध व अध्ययनों ने स्थानीय नागरिकों को संबंधित विषयों पर आगे आने के लिए प्रेरित तो किया ही है, स्थानीय छोटे प्रयासों को एक माडल जैसे कूड़ा प्रबंधन के रूप में स्थापित भी किया है।
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