भावी पीढ़ी के जीवन को भी संवार सकते हैं
जिले की सीमाओं पर गंगा, रामगंगा, गोमती और कठिना कल-कल निनाद कर रही है। शहर में गर्रा और खन्नौत प्रदूषण का जहर पीकर भी पांच लाख की आबादी की खुशहाली पर इतराती नजर आती है। हम सब भगीरथ की तरह परिवार के तारणहार तो नहीं बन सकते, लेकिन डंपिंग ग्राउंड और सीवरलाइन प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलाकर अ
शाहजहांपुर। जिले की सीमाओं पर गंगा, रामगंगा, गोमती और कठिना कल-कल निनाद कर रही है। शहर में गर्रा और खन्नौत प्रदूषण का जहर पीकर भी पांच लाख की आबादी की खुशहाली पर इतराती नजर आती है। हम सब भगीरथ की तरह परिवार के तारणहार तो नहीं बन सकते, लेकिन डंपिंग ग्राउंड और सीवरलाइन प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलाकर अवश्य ही गंगा-जमुना की प्रतीक जीवनदायिनी मातृस्वरूपा गर्रा- खन्नौत को प्रदूषण रूपी राक्षस से बचाकर भावी पीढ़ी के जीवन को भी संवार सकते हैं।
ऐसा भी नहीं कि इसके लिए प्रयास नहीं किए गए। बस मुहिम को एक मुकाम न दिला सके। सीवर लाइन के लिए 25 साल पूर्व भी प्रयास हुए। करीब डेढ़ किमी सीवर लाइन बनी। किला में ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया गया। बस इस प्रोजेक्ट को थोड़ा सा सही दिशा में धक्का लग जाए तो बस सूरत ही बदल जाए।
रिलायंस रोजा तापीय परियोजना, केआर पेपर मिल, बजाज इनर्जी लिमिटेड, सुखवीर एग्रो इनर्जी, कृभको श्याम फर्टिलाइजर लिमिटेड, समेत छोटी-बड़ी 200 औद्योगिक इकाइयां हरीतिमा संवर्धन में हाथ बंटा रही है। फोरलेन चौड़ीकरण में राष्ट्रीय राजमार्ग-24 पर अकेले शाहजहांपुर परिक्षेत्र में ही 12758 पेड़ काट दिए गए जिससे हाईवे की दो तिहाई हरियाली गायब हो गई है। लेकिन वन विभाग ने ब्याज सहित इस हरियाली को लौटाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए 25 हजार पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है। यही नहीं दशकों से यह महकमा हर साल 400 से 800 हेक्टेअर में पौधरोपण करके वृच्छादित क्षेत्र में भी इजाफा कर रहा है।
हरियाली का हाल-
वनाच्छादित क्षेत्रफल- 10 हजार हेक्टेयर
वृच्छादित क्षेत्रफल- 2.8 प्रतिशत
चालू वर्ष का वृक्षारोपण लक्ष्य- 570 हेक्टेयर
फोरलेन चौड़ीकरण में काटे गये पेड़-12758
औद्योगिक इकाइया: 200
सीवर लाइन: 1.5 किलोमीटर
आवश्यक सीवर लाइन : 23 किलोमीटर
डंपिंग ग्राउंड: प्रस्तावित
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