Move to Jagran APP

संविधान लागू होने के बाद अस्तित्व में आया यूपी

1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में राज्य के लोगों की ऐतिहासिक भूमिका रही। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, अवध की बेगम हजरत महल, बख्त खान, नाना साहब, मौलवी अहमदुल्ला शाह, राजा बेनी माधव सिंह, अजीमुल्ला खान समेत अनगिनत देश भक्तों ने अंग्रेजी हुकूमत से जमकर लोहा लिया। 1858 में उत्तर-पश्चिम प्रांत से दिल्ली डिवीजन को अलग कर दिया गया और प्रदेश की राजधानी को आगरा से इलाहाबाद स्थानांतरित

By Edited By: Published: Wed, 03 Oct 2012 11:26 AM (IST)Updated: Wed, 03 Oct 2012 11:44 AM (IST)

लखनऊ। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में राज्य के लोगों की ऐतिहासिक भूमिका रही। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, अवध की बेगम हजरत महल, बख्त खान, नाना साहब, मौलवी अहमदुल्ला शाह, राजा बेनी माधव सिंह, अजीमुल्ला खान समेत अनगिनत देश भक्तों ने अंग्रेजी हुकूमत से जमकर लोहा लिया। 1858 में उत्तर-पश्चिम प्रांत से दिल्ली डिवीजन को अलग कर दिया गया और प्रदेश की राजधानी को आगरा से इलाहाबाद स्थानांतरित कर दिया गया। उसी साल एक नवंबर को इस्ट इंडिया कंपनी के हाथों से राजनीतिक शक्ति महारानी विक्टोरिया के पास चली गई।

loksabha election banner

1877 में उत्तर-पश्चिम प्रांत के लेफ्टिनेंट गवर्नर और अवध के चीफ कमिश्नर के पदों का विलय हो गया। उसके बाद इस पूरे बड़े क्षेत्र को आगरा और अवध का उत्तर-पश्चिमी प्रांत कहा जाने लगा। 1902 में एक बार फिर इस नाम में परिवर्तन हुआ और इसको आगरा और अवध का संयुक्त प्रांत कहा जाने लगा। 1937 में संक्षिप्तीकरण करते हुए इसे संयुक्त प्रांत कहा जाने लगा। 12 जनवरी, 1950 को इस प्रांत को वर्तमान नाम उत्तर प्रदेश मिला। जब 26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू हुआ तो उत्तर प्रदेश पूर्ण राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.