'बड़े-बड़े शहरों में छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं'
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। हाल ही में डोपिंग व उससे जुड़े तमाम विवादों से जूझने वाले भारतीय स्टार मुक्केबाज वीजेंद्र सिंह अब उस परेशानी और खराब दौर से बाहर आ चुके हैं, विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप करीब है और फैंस को उम्मीद है कि यह पूर्व नंबर एक मुक्केबाज एक बार फिर धमाल मचाते हुए वापसी करेगा और भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिला
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। हाल ही में डोपिंग व उससे जुड़े तमाम विवादों से जूझने वाले भारतीय स्टार मुक्केबाज वीजेंद्र सिंह अब उस परेशानी और खराब दौर से बाहर आ चुके हैं, विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप करीब है और फैंस को उम्मीद है कि यह पूर्व नंबर एक मुक्केबाज एक बार फिर धमाल मचाते हुए वापसी करेगा और भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिलाएगा। वीजेंद्र भी अब उन कड़वी बातों को भूलकर तैयारी में जुट गए हैं और लक्ष्य सिर्फ एक है, भारत को पदक दिलाना...दिल्ली में एक अवॉर्ड समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे वीजेंद्र सिंह से की एक मुख्तसर बातचीत के कुछ अंश:
प्र: हाल में ही आप तमाम विवादों से गुजरे हैं, क्या आपको लगता है कि यह आपके प्रदर्शन पर कुछ असर डालेगा?
वीजेंद्र: नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। बड़े-बड़े शहरों में छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं। वो सब बातें अब इतिहास हैं और मैं एक बार फिर आगे के लक्ष्य के लिए तैयार हूं।
प्र: आगे की तैयारियां कैसी चल रही हैं और क्या है अगला लक्ष्य?
वीजेंद्र: आगे की तैयारियां जोरों पर हैं, अगला लक्ष्य है विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप जिसके लिए हम सभी जमकर मेहनत कर रहे हैं। कोशिश यही होगी कि भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके दिखा सकें।
प्र: रिंग में बॉक्सिंग मिलहेडगियर ना लगाने के नए नियम से क्या ताल ाने में कुछ सफलता मिली है?
वीजेंद्र: जी, मेरे चेहरे पर दिख रहे छोटी-मोटी चोट के निशान इस बात की तस्दीक हैं कि हम लोग अभ्यास में इस नए फॉर्मूले पर काम करने में जुटे हैं और जल्द ही विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप से पहले इसके लिए पूरी तरह तैयार भी हो जाएंगे।
प्र: 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्या अभी से लक्ष्य बनाने की शुरुआत हो चुकी है?
वीजेंद्र: अभी सिर्फ और सिर्फ विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप पर ही नजरें हैं, रियो अभी दूर की बात है। यह सभी तैयारियां और टूर्नामेंट ओलंपिक के लिए ही एक मजबूत राह तैयार करते हैं और आगे उम्मीद यही है कि विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे ताकि मजबूती से और आगे बढ़ सकें।
प्र: ओलंपिक में आइओए (भारतीय ओलंपिक संघ) और आइओसी के बीच चल रहे गतिरोध और जिसकी वजह से भारतीय खिलाड़ियों के ओलंपिक में भारतीय झंडे के तले हिस्सा ना ले पाने की अड़चन के बारे में क्या कहना है?
वीजेंद्र: उम्मीद तो यही करता हूं कि जल्द ही ये विवाद सुलझ जाए क्योंकि हर खिलाड़ी ओलंपिक में अपना देश का नाम आगे लेकर बढ़ता है और वह अपने देश के झंडे तले ही प्रदर्शन करना चाहेगा।
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