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समीक्षा समिति सामने लाई भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ की कई कमियां

अभिनव बिंद्रा की अगुआई वाली भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) की समीक्षा समिति ने एक से बढ़कर एक खुलासे किए साथ ही संघ की कई कमियों को सामने रखा।

By sanjay savernEdited By: Published: Thu, 06 Oct 2016 11:19 AM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2016 04:53 PM (IST)
समीक्षा समिति सामने लाई भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ की कई कमियां

नई दिल्ली। अभिनव बिंद्रा की अगुआई वाली भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) की समीक्षा समिति ने एक से बढ़कर एक खुलासे किए साथ ही संघ की कई कमियों को सामने रखा। समिति ने कमतर प्रदर्शन करने वाले निशानेबाजों को तो निशाना बनाया ही लेकिन रियो ओलिंपिक में निशानेबाजों के खराब प्रदर्शन के लिए कोचों और महासंघ को भी नहीं बख्शा और बदलाव की सिफारिश की। समिति ने 2012 लंदन खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले गगन नारंग, हीना सिद्धू और आयोनिका पॉल की आलोचना भी की।

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चार सदस्यीय समिति ने प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए 36 पन्नों की कड़ी रिपोर्ट सौंपी। एशियाई खेलों की पूर्व स्वर्ण पदक विजेता टेनिस खिलाड़ी मनीषा मल्होत्रा इसकी समन्वयक हैं। समिति ने निष्कर्ष दिया है कि एथेंस ओलिंपिक 2004 से निशानेबाजी में लगातार आ रहे पदकों ने खेलों से जुड़े सभी लोगों को आत्ममुग्ध बना दिया।रिपोर्ट के अनुसार, ‘सभी ने सोच लिया कि अपने आप ही प्रगति होती रहेगी और यह सुनिश्चित करना भूल गए कि स्वस्थ प्रक्रिया होनी चाहिए।’

इसमें कहा गया, ‘समिति की चर्चा का निष्कर्ष निकालते हुए कहा जा सकता है कि रियो ओलिंपिक में सफलता का फार्मूला गलत था और भारतीय निशानेबाजी पिछले कुछ वर्षों से भाग्य के सहारे रही है लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि कुछ शानदार प्रतिभावान खिलाड़ियों से मदद मिली है।’ रियो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले भारत के 12 निशानेबाजों में से कोई भी पदक नहीं जीत पाया था जिसके बाद प्रदर्शन की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया गया था। बिंद्रा का 10 मीटर एयर राइफल में चौथे स्थान पर रहना भारत का निशानेबाजी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में सर्वसम्मति से कहा कि भारतीय निशानेबाजी में बदलाव की जरूरत है। रवैये, नीतियों और योजनाओं में बदलाव की जरूरत है जिससे कि प्रतिभा को स्वस्थ माहौल में पनपने का मौका मिले।समिति ने साथ ही कहा कि भारतीय खेलों में जो ‘चलता है’ रवैये का साया है उसे छोड़ना होगा। समिति ने गगन नारंग और हीना सिद्धू जैसे सीनियर खिलाड़ियों के अलावा आयोनिका पाल जैसी उभरती हुई निशानेबाज को भी नहीं बख्शा। हीना की अपने पति रोनक पंडित को निजी कोच बनाने के लिए आलोचना हुई थी और समिति ने कहा कि उन्हें अपनी स्पर्धाओं को लेकर कुछ कड़े फैसले करने होंगे।

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