जो कभी थे मैदान के सरताज, आज मैदान पर उतरने की हालत में भी नहीं
कराची। किस्मत और समय का फेर शायद इसी को कहते हैं, जो आपको फर्श से अर्श और अर्श से फर्श पर लाने में जरा भी देर नहीं लगाता। चार बार की विश्व हॉकी चैंपियन व तीन बार की ओलंपिक चैंपियन जो पाकिस्तानी टीम कभी मैदान पर उतरते ही विरोधी टीमों के छक्के छुड़ा देती थी, आज उसके मैदान पर उतरने के ही आसार नहीं बन रहे। कारण है आर्थिक
कराची। किस्मत और समय का फेर शायद इसी को कहते हैं, जो आपको फर्श से अर्श और अर्श से फर्श पर लाने में जरा भी देर नहीं लगाता। चार बार की विश्व हॉकी चैंपियन व तीन बार की ओलंपिक चैंपियन जो पाकिस्तानी टीम कभी मैदान पर उतरते ही विरोधी टीमों के छक्के छुड़ा देती थी, आज उसके मैदान पर उतरने के ही आसार नहीं बन रहे। कारण है आर्थिक तंगी। पाकिस्तान इसी वजह से अगले माह मलेशिया में होने वाले अजलन शाह हॉकी टूर्नामेंट में राष्ट्रीय टीम को और सिंगापुर में होने वाले टूर्नामेंट में जूनियर टीम को नहीं भेज सकेगा। अब सब कुछ वहां की सरकार के हाथों में है।
पाकिस्तान हॉकी महासंघ [पीएचएफ] के सचिव आसिफ बाजवा ने कहा है कि महासंघ की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है क्योंकि सरकार ने अभी तक उसे 10 करोड़ रुपये का अनुदान नहीं दिया है। पाकिस्तानी सरकार ने अनुदान देने का वादा किया था। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने भी तीन करोड़ रुपये देने का वादा किया था जो अभी तक हमें मिले नहीं है।' कासिम जिया और आसिफ बाजवा के क्रमश: अध्यक्ष और सचिव बनने के बाद पीएचएफ सरकारी अनुदान पर ही चल रहा है।
पूर्व ओलंपियन और सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सदस्य जिया ने पिछले पांच साल में अनुदान के तौर पर 85 करोड़ रुपये जुटाए हैं। बाजवा ने साफ तौर पर कहा कि महासंघ के लिए हालात काफी कठिन हैं और अनुदान नहीं मिलने पर सीनियर टीम को अजलन शाह टूर्नामेंट नहीं भेजा जा सकता। इसके अलावा जूनियर टीम भी सिंगापुर में एशियाई टूर्नामेंट खेलने नहीं जा पाएगी। उन्होंने कहा कि एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद खिलाड़ियों के लिये प्रधानमंत्री ने जिस नकद पुरस्कार की घोषणा की थी, वह भी अभी तक नहीं दिया गया है।
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