भारतीय खिलाड़ियों को बढ़ानी होगी अपनी प्यास
भारतीय हॉकी टीम का वर्ल्ड कप के शुरुआती मैचों में प्रदर्शन देखकर सही मायने में ऐसा प्रतीत हुआ कि विश्व वरीयता बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती। विश्व रैंकिग में आठवें स्थान की भारतीय टीम ने पिछले दोनों मैच अपने से ज्यादा वरीय टीम इंग्लैंड (चौथी) और बेल्जियम (पांचवीं) के खिलाफ खेले, लेकिन दोनों ही मैचों में
(जगबीर सिंह का कॉलम)
भारतीय हॉकी टीम का वर्ल्ड कप के शुरुआती मैचों में प्रदर्शन देखकर सही मायने में ऐसा प्रतीत हुआ कि विश्व वरीयता बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती। विश्व रैंकिग में आठवें स्थान की भारतीय टीम ने पिछले दोनों मैच अपने से ज्यादा वरीय टीम इंग्लैंड (चौथी) और बेल्जियम (पांचवीं) के खिलाफ खेले, लेकिन दोनों ही मैचों में ऐसा लगा कि भारत कम से कम एक अंक तो अर्जित कर ही लेगा। जिसका मतलब है यदि भारत स्पष्ट रूप से अपने तजुर्बे और कौशल का फायदा उठाए तो उसे किसी भी प्रतियोगिता में हराना आसान नहीं होगा।
भारत के मैच में अभी तक यह दिखा कि सब कुछ ठीक चल रहा होता है कि अचानक आखिरी क्षणों में ऐसा कुछ हो जाता है जिससे भारतीय दर्शक निराश हो जाते हैं। आखिरी मिनटों में ध्यान हटा लेना पेशेवर खिलाड़ी की निशानी नहीं है। बेल्जियम के खिलाफ आखिरी 15 सेकेंड में गोल खाने से कोई सबक न लेकर हमने इंग्लैंड के खिलाफ भी वही गलती दोहराई। शायद खिलाड़ियों का जो संतुष्टि का स्तर है वह कहीं रुका हुआ है। वे शायद बहुत जल्दी संतोष कर लेते हैं। इन्हें इस सोच से बाहर निकलना होगा कि कम रैंकिंग होते हुए भी उन्होंने ऊंची रैंकिंग वाली टीम को कड़ी टक्कर दे दी है। भारतीय खिलाड़ियों को अपनी प्यास बढ़ानी होगी। भारतीय टीम को यह बात ध्यान में रखकर मैदान पर उतरना चाहिए कि यह वही टीम है जिसको मात देने के लिए यूरोपियंस और ऑस्ट्रेलियंस को चार दशक लग गए। ब्राजील चाहे फुटबॉल का हर विश्व कप न जीतता हो पर उसका खेल देखने के आज भी लोग दीवाने हैं। कुछ ऐसा ही भारत के साथ भी है। भारतीय टीम भले ही पिछले कई वषरें में कोई बड़ा टूर्नामेंट जीतने में सफल नहीं रही है, लेकिन उनके मैच को लेकर दर्शकों का उत्साह इस बात को साबित करता है कि भारत से अब भी उम्मीदें बहुत ज्यादा है।
इंग्लैंड के खिलाफ हमने जैसा प्रदर्शन किया है वह हमें स्पेन के खिलाफ गुरुवार को होने वाले अहम मुकाबले में मनोवैज्ञानिक बढ़त जरूर देगा। स्पेन की टीम अपने कुछ बहुत अनुभवी खिलाड़ियों के साथ टूर्नामेंट में भाग लेने आई है। इसके बावजूद उनके खेल में एक संकोच नजर आ रहा है, जो कि इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए 1-1 से ड्रॉ और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले ही हाफ में तीन गोल खाने के बाद उजागर हो गया। भारत को उनके खिलाफ पहले हाफ में ही दबाव बनाकर जल्द से जल्द बढ़त लेनी होगी। क्योंकि यदि तजुर्बा जोश पर हावी हो गया तो फिर भारत के लिए मैच बचा पाना बहुत मुश्किल होगा। मैं एसवी सुनील से अपेक्षा करूंगा कि वह जिस 'लाइव वायर' नाम से जाने जाते हैं उसकी झलक जरूर दिखाएं।
(फॉर्च्यूना सिंडीकेट)