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लड़का-लड़की की लड़ाई से परे एशियन चैंपियनशिप में भाग लेंगी दुती चंद

दुती एशियन चैंपियनशिप में भाग लेंगी और अगर वह क्वालीफाई करती हैं तो चार से 13 अगस्त तक लंदन में होने वाली आइएएएफ विश्व चैंपियनशिप में भी खेलेंगी।

By Bharat SinghEdited By: Published: Wed, 05 Jul 2017 11:34 AM (IST)Updated: Wed, 05 Jul 2017 01:11 PM (IST)
लड़का-लड़की की लड़ाई से परे एशियन चैंपियनशिप में भाग लेंगी दुती चंद
लड़का-लड़की की लड़ाई से परे एशियन चैंपियनशिप में भाग लेंगी दुती चंद

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। भुवनेश्वर में गुरुवार से शुरू हो रही एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप से ठीक पहले अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (आइएएएफ) ने भारतीय फर्राटा धाविका दुती चंद के खिलाफ जेंडर विवाद को खोलकर फिर से खेल पंचाट जाने का फैसला किया है। आइएएएफ इस बार अपनी विवादास्पद हाइपरएंड्रोजेनिज्म नीति के समर्थन में खेल पंचाट को और साक्ष्य मुहैया कराएगा। 

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हालांकि इसके बावजूद ओडिशा की दुती एशियन चैंपियनशिप में भाग लेंगी और अगर वह क्वालीफाई करती हैं तो चार से 13 अगस्त तक लंदन में होने वाली आइएएएफ विश्व चैंपियनशिप में भी खेलेंगी। खेल पंचाट ने 27 जुलाई, 2015 को दुती, एएफआइ और आइएएएफ के बीच मामले की सुनवाई के दौरान अंतरिम फैसला करते हुए वैश्विक संस्था के हाइपरएंड्रोजेनिज्म नियमों को दो साल के लिए निलंबित कर दिया था। 

दो साल में आइएएएफ को इस बात के साक्ष्य मुहैया कराने थे जिससे यह साबित हो कि टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हारमोन का स्तर) का स्तर ज्यादा होने से किसी महिला खिलाड़ी को अपने खेल के प्रदर्शन में कितना फायदा मिलता है। पंचाट ने दो साल पहले अंतरिम आदेश में दुती की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार किया था और उन्हें अंतिम फैसले तक प्रतिस्पर्धा की छूट दी गई थी। 

एएफआइ ने आइएएएफ की हाइपरएंड्रोजेनिज्म नीति के तहत 2014 में 21 साल की दुती को अयोग्य घोषित कर दिया था, क्योंकि उनके टेस्टोस्टेरोन का स्तर स्वीकार्य स्तर से अधिक था। दुती ने इन नियमों और उन्हें निलंबित करने के एएफआइ के फैसले को सितंबर, 2014 में खेल पंचाट में चुनौती दी थी। पंचाट में अपील और सुनवाई के लिए खेल मंत्रालय ने दुती को वित्तीय मदद दी थी। अब आइएएएफ ने एक बार फिर मामले को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। भारत और विदेश में कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे लिंग भेद का मामला करार दिया है। 

एएफआइ अध्यक्ष आदिल जे सुमारीवाला ने कहा कि आइएएएफ किसी डॉक्टर की अध्ययन रिपोर्ट के सहारे फिर से इस मामले को खोल रहा है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। वैसे भी पंचाट में अगस्त के आखिर में इस मामले की सुनवाई होगी। ऐसे में दुती एशियन एथलेटिक्स में भाग लेंगी। इसमें उनके पास विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने का भी मौका होगा। अगर इसमें वह ऐसा नहीं कर पाती हैं तो इसके बाद एक और प्रतियोगिता होनी है। अगर वह क्वालीफाई कर लेती हैं तो विश्व चैंपियनशिप में भी भाग लेंगी, क्योंकि सुनवाई होने से पहले खेल पंचाट का पुराना आदेश ही लागू रहेगा।

वहीं, आइएएएफ ने मंगलवार को कहा कि हमारी आर्थिक मदद से तैयार अध्ययन रिपोर्ट प्रकाशित हो चुकी है और वह 27 जुलाई को खत्म हो रही दो साल की समय सीमा से पहले खेल पंचाट लौट रहा है। इस अध्ययन में पता चला है कि उच्च टेस्टोस्टेरोन स्तर वाली महिला खिलाड़ी को कम टेस्टोस्टेरोन स्तर वाली खिलाड़ी पर 1.8 प्रतिशत से 4.5 प्रतिशत तक फायदा होता है। 

दुती चंद का कहना है, 'मैं इस विवाद के बारे में नहीं सोच रही हूं। मेरा ध्यान एशियन एथलेटिक्स पर है। मेरे पास वकील व सलाहकार हैं, वही तय करेंगे की हाइपरएंड्रोजेनिज्म मामले में क्या करना है। इस विवाद के चलते 2015 मेरे लिए काफी खराब रहा। मैंने इससे खुद को बाहर निकाला और 2016 में कई टूर्नामेंट्स में हिस्सा लिया और पदक भी जीते। इससे मैं थोड़ी घबराई रहती हूं, पर इसका असर मैं अपने प्रदर्शन पर नहीं पड़ने दूंगी।'

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