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Lok Sabha Election 2024: सपा को बड़ा झटका दे सकती है टिकटों की अदला-बदली, खेमेबाजी से बिगड़ा अखिलेश का गेम

सपा प्रमुख अखिलेश यादव अब तक सात सीटों पर टिकटों को बदल चुके हैं। पहले चरण का नामांकन खत्म होकर दूसरे दौर का शुरू हो गया है लेकिन सपा में टिकटों को देने व काटने का दौर चल रहा है। सपा अध्यक्ष भले ही दूसरे दलों के प्रत्याशियों को देखते हुए टिकटों में बदलाव कर रहे हों लेकिन इससे पार्टी के हित में नजर नहीं आ रहा।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Published: Thu, 28 Mar 2024 09:43 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2024 09:43 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: सपा को बड़ा झटका दे सकती है टिकटों की अदला-बदली, खेमेबाजी से बिगड़ा अखिलेश का गेम
सपा को बड़ा झटका दे सकती है टिकटों की अदला-बदली

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव में भाजपा जहां टिकट वितरण के बाद अब प्रचार में जुट गई है वहीं मुख्य विपक्षी दल सपा चुनावी रण में भाजपा का मुकाबला करने से पहले टिकटों के बंटवारे में ही उलझ गई है। मुरादाबाद व रामपुर लोकसभा सीट इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

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मुरादाबाद में पहले मौजूदा सांसद एसटी हसन को पार्टी टिकट देती है, वे नामांकन भी कर देते हैं फिर अचानक उनका टिकट काटकर आजम खां की करीबी रुचिवीरा को टिकट देने के निर्णय पर पार्टी के एक वर्ग में नाराजगी है। एसटी हसन सपा के लिए चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। रामपुर में भी खेमेबाजी उभरने से कार्यकर्ता भ्रम में हैं।

सात सीटों पर टिकटों को बदल चुके हैं अखिलेश

सपा प्रमुख अखिलेश यादव अब तक सात सीटों पर टिकटों को बदल चुके हैं। पहले चरण का नामांकन खत्म होकर दूसरे दौर का शुरू हो गया है, लेकिन सपा में टिकटों को देने व काटने का दौर चल रहा है। सपा अध्यक्ष भले ही दूसरे दलों के प्रत्याशियों को देखते हुए टिकटों में बदलाव कर रहे हों लेकिन जो तस्वीर सामने दिख रही है वह पार्टी के हित में नहीं मानी जा रही है।

खेमेबाजी से उलझा सीट बंटवारा

अब रामपुर व मुरादाबाद लोकसभा सीट को ही ले लीजिए, पिछले चुनाव में सपा की पांच सीटों में यह दोनों भी थीं। इस बार दोनों ही जगह सपा टिकट के बंटवारे के दौरान खेमेबाजी में उलझ गई। रामपुर सीट पर अपनी बादशाहत कायम रखने की चाह में पूर्व मंत्री आजम खां, अखिलेश यादव को रामपुर से चुनाव लड़ाना चाहते थे तो अखिलेश अपने भतीजे तेजप्रताप यादव को।

रामपुर सीट पर सपा को नुकसान होता दिख रहा

अखिलेश के मैदान में न उतरने पर पार्टी के जिलाध्यक्ष अजय सागर व आजम के वफादार आसिम राजा ने चुनाव के बहिष्कार तक की बात कह दी। अखिलेश ने जब दिल्ली में संसद मार्ग स्थित जामा मस्जिद के इमाम मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को मैदान में उतारने का निर्णय किया तो चुनाव बहिष्कार की घोषणा करने वाले मो. आसिम राजा भी सपा के चुनाव चिह्न पर पर्चा दाखिल करने पहुंच गए। आसिम का नामांकन तो खारिज हो गया लेकिन पूरे घटनाक्रम से रामपुर सीट पर सपा को नुकसान होता ही दिख रहा है।

यहां प्रत्याशी बदल चुकी है सपा

सपा इससे पहले बदायूं में पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की जगह शिवपाल सिंह यादव को प्रत्याशी बना चुकी है। मिश्रिख सीट पर तो तीन बार टिकट बदल गया। पहले यहां पिता रामपाल राजवंशी, फिर बेटे मनोज अब बहू संगीता राजवंशी प्रत्याशी हैं। गौतम बुद्ध नगर से पहले डा.महेंद्र नागर को टिकट दिया गया फिर राहुल अवाना प्रत्याशी बन गए। बिजनौर सीट पर यशवीर सिंह का टिकट काट दीपक सैनी को प्रत्याशी बनाया गया। संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के निधन के बाद उनके पौत्र व मुरादाबाद की कुंदरकी से विधायक जियाउर्रहमान बर्क को प्रत्याशी बनाया गया है।

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