Rehabilitation In UP: फुटपाथ पर रहने वाले 2500 बच्चों की पुनर्वास कार्यवाही शुरू
Rehabilitation In UP यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार बच्चों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएंंचला रही है। ऐसे में फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के कल्याण के लिए उनके पुनर्वास की कार्यवाही शुरु कर दी गई है। इसके तहत फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों का चिन्हांकन किया जाएगा।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Rehabilitation In UP फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के कल्याण के लिए प्रदेश में कई योजनाएं चल रही हैं। इसमें समय के साथ नई चुनौतियां भी आती हैं। इसलिए कुछ योजनाओं में संशोधन की भी जरूरत है। प्रदेश में महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग की ओर से ऐसे लगभग 2500 बच्चों को चिन्हित कर उनके पुनर्वास की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के चिन्हांकन व उनके पुनर्वास के लिए राज्य नीति पर तैयार ड्राफ्ट को लेकर लखनऊ के दयाल पैराडाइज होटल में कार्यशाला आयोजित की गई। उप निदेशक महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग ब्रजेंद सिंह निरंजन ने बताया कि फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के चिन्हांकन व पुनर्वास संबंधी नीति को मूर्तरूप देने के लिए 23 मार्च को निदेशालय स्तर पर ड्राफ्टिंग समिति गठित हुई। इस आदर्श नीति का ड्राफ्ट तैयार हो गया है।
अब फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के मामलों में नीति बनाने के लिए सकारात्मक सुझाव मिले हैं, विभाग जल्द ही इन्हें सम्मिलित कर उसे अंतिम रूप देगा।
यूनिसेफ के बाल संरक्षण विशेषज्ञ सैयद मंसूर उमर कादरी ने प्रदेश में चल रही बच्चों के कल्याण की योजनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि फुटपाथ पर जीवनयापन करने वाले बच्चों के संदर्भ में प्रदेश सरकार की यह पहल महत्वपूर्ण है। विभाग में राज्य सलाहकार प्रीतेश तिवारी ने बताया कि शीर्ष कोर्ट के निर्देशों और एनसीपीसीआर की पहल पर सभी राज्य सरकारें ऐसे बच्चों के लिए नीति निर्धारण कर रही हैं।
विभाग की ओर से अन्य संबंधित विभागों पुलिस, श्रम, शिक्षा, पंचायती राज, स्वास्थ्य सहित शहरी नगर निकाय आदि विभागों को भी ड्राफ्ट भेजकर सुझाव मांगे हैं। यहां उपनिदेशक प्रभात रंजन व प्रवीण त्रिपाठी, बाल कल्याण समिति लखनऊ की सदस्य संध्या सहित यूनिसेफ, एक्शन एड, सेव द चिल्ड्रेन, चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई), आक्सफैम इंडिया, विज्ञान फाउंडेशन, चेतना, वात्सल्य, मिलान फाउंडेशन, वर्ल्ड विज़न, ह्यूमन यूनिटी मूवमेंट, एहसास, आली, प्रथम, ब्रेकथ्रू, सामाजिक कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, डा. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय और वीवी गिरि सामाजिक शोध संस्थान के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।