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Sikar Car Accident: परिवार के पांच लोगों की एक साथ जली पांच चिताएं, दो बच्चियों के शवों को गंगा में किया प्रवाह

राजस्थान के सीकर में सड़क दुर्घटना के दौरान कार में आग लगने से मेरठ के एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई थी। इनमें दो बच्चियां भी शामिल थीं। सोमवार को सभी के शवों को लेकर स्वजन गढ़मुक्तेवर के ब्रजघाट पहुंचे। जहां पांच शवों को मुखाग्नि दी गई। वहीं बच्चियों के शव को गंगा के जल में प्रवाह कर दिया गया।

By Kesav Tyagi Edited By: Geetarjun Published: Mon, 15 Apr 2024 10:42 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2024 10:42 PM (IST)
Sikar Car Accident: परिवार के पांच लोगों की एक साथ जली पांच चिताएं, दो बच्चियों के शवों को गंगा में किया प्रवाह
परिवार के पांच लोगों की एक साथ जली पांच चिताएं, दो बच्चियों के शवों को गंगा में किया प्रवाह

जागरण संवाददाता, ब्रजघाट-हापुड़। राजस्थान के सीकर में सड़क दुर्घटना के दौरान कार में आग लगने से मेरठ के एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई थी। इनमें दो बच्चियां भी शामिल थीं। सोमवार को सभी के शवों को लेकर स्वजन गढ़मुक्तेवर के ब्रजघाट पहुंचे। जहां पांच शवों को मुखाग्नि दी गई। वहीं, बच्चियों के शव को गंगा के जल में प्रवाह कर दिया गया। इस दौरान वहां मौजूद सभी लोगों की आंखों से आंसू बहन निकले।

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बता दें कि मेरठ के ब्रह्मपुरी के शारदा रोड स्थित शिव शंकरपुरी कालोनी के हार्दिक का परिवार दर्शन करने के लिए रविवार को कार में सवार होकर राजस्थान के सीकर में गया था। वहां लौटने के दौरान हाईवे पर कार अचानक से अनियंत्रित हो गई और रूई व कागज से भरे ट्रक से टकरा गई थी।

भीषण दुर्घटना के दौरान कार में भीषण आग लग गई। कार में सवार हार्दिक, नीलम गोयल, आशुतोष गोयल, मंजू बिंद, स्वाति एवं दीक्षा व रक्षा की मौत हो गई थी। स्वजन के अनुसार राजस्थान में पहले पोस्टमॉर्टम हुआ, जिसके बाद स्वजन सोमवार की देर शाम को करीब आठ बजे ब्रजघाट में श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे। जहां दोनों बच्ची रक्षा और दीक्षा को जल प्रवाह किया।

वहीं, अन्य पांच मृतकों का दाह संस्कार किया गया। इस दौरान स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल था। एक ही परिवार की सात सदस्यों के शवों को देखकर आसपास के लोग भी भावुक हो गए।

अपनों के चेहरे भी नहीं देख सके स्वजन

गंगा नगरी ब्रजघाट पहुंचे स्वजन को आखिरी बार अपनों का चेहरा देखना भी नसीब नहीं हो पाया। क्योंकि, पोस्टमॉर्टम के दौरान सभी के शवों को कपड़े से सील कर दिया गया था। इस कपड़े को हटाए बिना ही अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान स्वजन समेत अन्य रिश्तेदार भी अंत्येष्टि स्थल पर एक दूसरे को दिलासा देते हुए नजर आए।


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