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18 महीने में रिटायर होने वाले थे शहीद हेमराज मीणा, एक दिन पहले पहुंचे थे ड्यूटी पर

हेमराज मीणा के दो बेटे और दो बेटियां हैं। उनकी शहादत की सूचना पर पूरे गांव में मातम फैला हुआ है। उनके बुजुर्ग पिता और बड़े भाई ने कहा कि पाकिस्तान से मुंह तोड़ बदला ले सरकार।

By Amit SinghEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 06:55 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 09:33 AM (IST)
18 महीने में रिटायर होने वाले थे शहीद हेमराज मीणा, एक दिन पहले पहुंचे थे ड्यूटी पर
18 महीने में रिटायर होने वाले थे शहीद हेमराज मीणा, एक दिन पहले पहुंचे थे ड्यूटी पर

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) में शहीद होने वाले 40 सीआरपीएफ जवानों में से पांच राजस्थान के हैं। इन्हीं में से एक हैं, कोटा जिले के सांगोद क्षेत्र स्थित विनोद कलां गांव के 43 वर्षीय हेमराज मीणा। उन्होंने करीब 18 साल पहले सीआरपीएफ में नौकरी शुरू की थी और 61वीं बटालियन में सेवा दे रहे थे। वह एक दिन पहले अपनी बटालियन में ड्यूटी पर पहुंचे थे। घर से विदा होने से पूर्व उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया था कि वह 20 दिन में वापस आएंगे। वह वापस तो चार दिन बाद ही पहुंच गए, लेकिन तिरंगे में लिपटकर।

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मीडिया से बात करते हुए उनके बड़े भाई रामबिलास ने बताया कि जम्मू-कश्मीर जाने से पहले हेमराज महाराष्ट्र के नागपुर में ट्रेनिंग पर गए हुए थे। ट्रेनिंग से लौटते वक्त सोमवार रात वह कुछ देर के लिए गांव आए थे। चंद घंटे घर पर बिताने के बाद मंगलवार सुबह करीब छह बजे ही वह गांव से वापस लौट गए थे। बुधवार को ही वह जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे। मंगलावर सुबह घर से निकलते वक्त हेमराज ने पत्नी से कहा था कि वह 20 दिन में वापस आ जाएंगे। इसके बाद पूरे परिवार को घूमने जाना था।

हेमराज के वापस पहुंचने के अगले दिन ही गुरुवार को ही उनकी बटालियन जम्मू से श्रीनगर के लिए रवाना हुई। इसी दौरान सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें हेमराज सहित 40 जवान शहीद हो गए। भाई रामबिलास ने बताया कि दोपहर में मीडिया से हमले की जानकारी मिली। इसके बाद बेटियों की अधिकारियों से बात हो गई। इसके बाद उन्होंने भी अधिकारियों से बात की, तब उन्हें और पूरे परिवार को हेमराज की शहादत का यकीन हुआ।

दो बेटे और दो बेटियां हैं
हेमराज के दो बेटे और दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी रीना की आयु 18 वर्ष है। उससे छोटी टीना (14), अजय (12) और ऋषभ (04) है। हेमराजी की पत्नी मधुबाला मीणा का पति की शहादत की खबर सुनने के बाद से ही रो-रोकर बुरा हाल है। उनके शहादत की सूचना मिलते ही वह बेहोश हो गईं थीं। बताया जाता है कि हेमराज मीणा अपने परिवार के साथ तीन साल पहले ही सांगोद में रहने के लिए आया था। इनका पुस्तैनी मकान विनोद खुर्द में है, जहां अब भी उनके बुजुर्ग माता-पिता रहते हैं।

पाकिस्तान को करार जवाब देना चाहिए
रामबिलास मीणा ने कहा कि भारत सरकार को पाकिस्तान को इस हमले का करारा जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं खुद सीमा पर जाकर पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देना चाहता हूं। उनके पिता हरदयाल मीणा ने कहा कब तक हम आतंकी हमले सहन करते रहेंगे। हमारे सैनिक कब तक ऐसे शहीद होते रहेंगे। मुझे संतोष तब मिलेगा, जब भारत पाकिस्तान से इसका बदला लेगा। हेमराज तीन वर्ष से कश्मीर में ही तैनात थे। इससे पहले वह लंबे समय तक नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात रहे हैं।

18 माह में होना था रिटायर
हेमराज पिछले तीन वर्ष से कश्मीर में ही तैनात थे। इससे पहले वह लंबे समय तक नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात रहे हैं। उनकी नौकरी के 18 महीने ही बचे ते। 18 माह बाद उन्हें सेवानिवृत्त होना था। उनकी पत्नी मधुबाला ने बताया कि शादी के वक्त हेमराज सीआरपीएफ में नहीं थे। शादी के बाद उनकी नौकरी लगी थी। उन्होंने सोचा था सेवानिवृत्त होने के बाद खुशी-खुशी जीवन बिताएंगे, लेकिन क्या पता था कि महज 18 महीने की नौकरी में ऐसा दिन देखना पड़ेगा।


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