Pulwama Terror Attack : खुद का ख्याल रखने के लिए कहा लेकिन अपना ही ध्यान नहीं रखा
जम्मू कश्मीर पुलवामा जिले में हुए आत्मघाती हमले में शहीद सीआरपीएफ जवान महेश कुमार के घर गम का माहौल है। पति की बातों को याद कर उनकी पत्नी व परिजनों के आंसू नहीं रुक रहे हैं।
प्रयागराज : जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलवामा जिले में हुए आत्मघाती हमले में मेजा का एक लाल महेश कुमार यादव भी शहीद हो गया। आत्मघाती हमले के तीन घंटे पहले यानी लगभग सवा 11 बजे महेश कुमार ने फोन कर अपनी पत्नी एवं बहन से बात की थी। उनका हाल-चाल जाना था और खुद का ख्याल रखने की बात कही थी। हालांकि वह अपना ख्याल नहीं रख सके। यही शब्द कहते हुए शहीद महेश कुमार की पत्नी संजू देवी बदहवास हो जा रही थी।
संजू देवी ने बताया कि 11 बजे फोन कर उन्होंने यानी महेश ने कहा था कि अपना और परिवार का ख्याल रखना, लेकिन वह अपना ख्याल नहीं रख सके। यह बात कहने के बाद संजू की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे है। महेश कुमार ने पत्नी से बताया था कि आज उनकी बटालियन कश्मीर जा रही है, अब वहां पहुंचने के बाद बात करुंगा। इस दौरान महेश कुमार ने अपनी बहन से भी बात करते हुए ख्याल रखने के लिए कहा था।
महेश का सपना हुआ पूरा पर बिखर गया परिवार का सपना
महेश कुमार ने कक्षा छह से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई कोटहा गांव स्थित श्रीराम किशोर इंटर कालेज से की थी। उसके बाद उन्होंने भुस्का गांव स्थित डिग्री कालेज से स्नातक किया। श्रीराम किशोर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य प्रेमचंद्र यादव महेश कुमार के शहीद होने को लेकर व्यथित हैं। शुक्रवार की सुबह महेश कुमार के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे प्रेमचंद्र यादव ने बताया कि महेश कुमार पढ़ाई में अच्छा था। वह शुरू से ही सेना में नौकरी करने का सपना देखता था। उस सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत भी करता था। उसका सपना तो पूरा हो गया, लेकिन उनके शहीद होने के बाद परिवार के लोगों के सपने बिखर गए हैं।
शहीद महेश कुमार के घर कोहराम, सांत्वना देने को लोग जुटे
महेश कुमार के शहीद होने की सूचना को लेकर उनके गांव टुडि़हार में मातम का माहौल है। मां शांति देवी पत्नी संजू देवी एवं छोटी बहन वंदना का रो-रो कर बुरा हाल है। पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी शहीद के घर पहुंच कर उनको सांत्वना दे रहे हैं।
महेश की तैनाती 118 बटालियन में थी
महेश कुमार यादव मेजा तहसील क्षेत्र के टुडि़हार गांव के मूल निवासी थे। दो साल पहले सीआरपीएफ में उनका चयन हुआ था। उनकी तैनाती 118 बटालियन में थी। घर पर उनकी मां शांति देवी, पत्नी संजू देवी दो बच्चे समर 5 व साहिल 4, छोटे भाई अमरेश यादव एवं बहन वंदना देवी रहती हैं। गुरुवार की रात को जब उनके परिवार के लोगों को जानकारी हुई कि महेश कुमार पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में शहीद हो गए तो परिवार के पैरों चले से जमीन खिसक गई। पूरा परिवार महेश कुमार के मोबाइल नंबर सहित शीर्ष अधिकारियों के मोबाइल पर काल करने लगा लेकिन उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल पा रहा था।
भोर में परिजनों को शहीद होने की पुष्टि हुई
भोर में इंस्पेक्टर मेजा मनोज तिवारी एवं क्षेत्राधिकारी मेजा उमेश शर्मा ने आधिकारिक रूप से उनके परिजनों को महेश कुमार के शहीद हो जाने की सूचना दी। उसके बाद से परिवार के लोगों का हाल-बेहाल है। खास करके पत्नी एवं छोटी बहन तो बेसुध है। भोर से ही महेश कुमार के घर गांव के लोगों सहित स्थानीय जन प्रतिनिधि एवं मीडिया कर्मी भारी संख्या में पहुंच गए। हर कोई आतंकवादियों के इस कायराना हमले की निंदा करता नजर आया।
शनिवार की सुबह नरवर चौकठा गंगा घाट पर अंतिम संस्कार होगा
शहीद महेश कुमार का शनिवार को नरवर चौकठा घाट पर अंतिम संस्कार होगा। सूत्रों की मानें तो महेश कुमार का पार्थिव शव रात में गांव आ सकता है। बताया जा रहा है कि महेश कुमार के बीमार बाबा तेज प्रताप यादव, पिता राज कुमार एवं छोटे भाई अमरेश यादव शनिवार की तड़के सुबह मुंबई से घर पहुंचेंगे। महेश कुमार के चाचा सुशील यादव ने बताया कि जब तक बाबा एवं परिवार के अन्य सदस्यों के आने के बाद ही अंतिम संस्कार हो सकेगा।
नरवर चौकठा घाट की हो रही साफ-सफाई
तहसील प्रशासन द्वारा नरवर चौकठा घाट की साफ सफाई कराई जा रही है। सीओ मेजा उमेश शर्मा ने बताया कि घाट पर ही शहीद को सलामी दी जाएगी। इसके लिए वहां की व्यवस्था को चाक-चौबंद किया जा रहा है।
सोमवार को छुïट्टी से ड्यूटी पर गए थे महेश
बाबा तेज प्रताप सिंह की खराब तबीयत को देखते हुए पिछले मंगलवार को महेश कुमार घर आये थे। उनके बाबा तेज प्रताप यादव रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। पिछले एक महीने से उनकी तबीयत ज्यादा खराब है। प्रयागराज स्थित रेलवे के डाक्टरों ने उन्हें मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल हास्पिटल रेफर किया था। बाबा को मुंबई भेजने के लिए ही पिछले बुधवार को वह घर आये थे। सोमवार को महेश कुमार के छोटे भाई बीमार बाबा को लेकर अपने पिता राज कुमार के पास मुंबई रवाना हुए थे। सोमवार की दोपहर में महेश कुमार अपनी ड्यूटी के लिए रवाना हो गए थे।
बच्चों की पढ़ाई के लिए चिंतित थे महेश
महेश कुमार के चाचा सुशील यादव रेलवे कर्मचारी हैं। इन दिनों वह फाफामऊ में की मैन के पद पर तैनात हैं। महेश कुमार के घर आने की सूचना पर उनसे मिलने के लिए वह रविवार को घर आए थे। रविवार की शाम को महेश कुमार ने अपने चाचा से कहा था कि अब बच्चे बड़े हो रहे है। ऐसे में समर एवं साहिल का दाखिला प्रयागराज के किसी अच्छे स्कूल में कराने के लिए कहा था। सोमवार को जब सुशील कुमार जब बाइक से ड्यूटी पर जाने लगे तो महेश कुमार को भी साथ चलने के लिए कहा। तब महेश कुमार ने कहा था कि मेरी ट्रेन रात में है, ऐसे में दोपहर के बाद जाऊंगा। सुशील कुमार भले ही महेश के चाचा रहे हो, लेकिन उन दोनों के बीच दोस्ताना माहौल था। महेश कुमार के शहीद हो जाने की सूचना को लेकर घर लौटे सुशील कुमार महेश कुमार की कही बातों को कहते हुए फूट-फूटकर रो रहे थे। शहीद के दोनों बेटे समर एवं साहिल गुनई गहरपुर स्थित महर्षि अरविंद विद्या निकेतन में पढ़ते है।
बहन की परीक्षा के लिए महेश से खरीदी थी बाइक
शहीद महेश कुमार की छोटी बहन वंदना का इन दिनों इंटरमीडिएट बोर्ड की परीक्षा चल रही है। पिछले मंगलवार को जब महेश घर आए तो बहन ने उनसे कहा कि भइया मुझे परीक्षा देने के लिए उरुवा स्थित श्रीसत्य नारायण इंटर कालेज तक जाना होता है। ऐसे में समय से पहुंचने पर काफी दिक्कत होती है, आप एक बाइक दिला दीजिए तो मै किसी के साथ परीक्षा देने चली जाया कऊंगी। इस पर महेश कुमार ने पिछले गुरुवार को ही हीरो ग्लैमर बाइक खरीदी थी। बाइक लाने के बाद उन्होंने वंदना को उस पर बैठा कर घुमाया भी था। शुक्रवार को बाइक को देख कर वंदना फफक पड़ी। उसने रोते हुए कहा कि अभी तो भइया ने एक बार ही बाइक पर बैठा के घुमाया था। वंदना रो-रोकर बेसुध हो जा रही है।
परिवार के खर्च की जिम्मेदारी महेश पर ही थी
महेश कुमार घर के इकलौते कमाने वाले थे। पिता मुंबई में टैक्सी जरूर चलाते हैं, लेकिन परिवार चलाने लायक कमाई नहीं हो पाती है। घर और परिवार की सारी जिम्मेदारी महेश के कंधों पर ही थी। उनके शहीद होने से परिवार भी मानो बिखर गया है।
कीचड़ युक्त रास्ते को ठीक कराने में जुटा प्रशासन
शहीद के घर जाने के लिए मुख्य मार्ग से एक कच्चा रास्ता है, जो काफी सकरा भी है। शुक्रवार की सुबह हुई बारिश के कारण कच्चा रास्ता काफी फिसलन भरा हो गया। ऐसे में मौके पर सीओ मेजा उमेश शर्मा एवं इंस्पेक्टर मेजा मनोज कुमार ने उस रास्ते में मोरंग डलवाया। साथ ही सड़क के किनारे उगे झाड़-झंखाड़ की भी साफ-सफाई कराई।
एसडीएम को देख ग्रामीण आक्रोशित
खंड विकास अधिकारी उरुवा एवं मेजा तहसील कर्मी व्यवस्थाओं को देखने में जुटे रहे। दोपहर बाद उप जिलाधिकारी मेजा विनय सिंह भी शहीद के घर पहुंचे और कराए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। हालांकि उनके देर में पहुंचने को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी दिखी।
...गीत गाते रहे बीजेपी सांसद मनोज तिवारी, आक्रोश
गुरुवार की रात में शहीद के गांव के थोड़ी ही दूरी पर स्थित कुंवरपïट्टी गांव में आयोजित शीतला महोत्सव का आयोजन हो रहा था। इसमें भाजपा सांसद एवं दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कार्यक्रम प्रस्तुत किया था। इसे लेकर विपक्षी नेताओं ने मनोज तिवारी को हासिए पर ले लिया है। शहीद के परिवार को सांत्वना देने पहुंचे सपा नेता नरेंद्र सिंह ने कहा कि पुलवामा में हुई घटना के बाद पूरे देश में राष्ट्रीय शोक जैसा माहौल है। गृहमंत्री जैसे बड़े नेताओं ने अपने कार्यक्रमों को रद कर दिया है। दूसरे दलों के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने भी अपने कार्यक्रम एवं प्रेस कांफ्रेंस को रद कर दिया है। वहीं भाजपा सांसद एवं दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शहीद के ही तहसील में सारी रात गीत गाते रहे।