Jharkhand Politics: रघुवर दास के शासन में बढ़ा PFI, निशिकांत दुबे व सरयू राय पर बरसा झामुमो
Jharkhand News झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आरोप लगाया है कि भाजपा नेता रघुवर दास के शासन के दौरान झारखंड में पीएफआइ का विस्तार हुआ। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे रघुवर सरकार का पाप हेमंत सरकार के मत्थे मढ़ रहे हैं। ट्वीटर इनका बहिष्कार करे।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा किए गए एक ट्वीट की आड़ मेंं पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर निशाना साधा है। मोर्चा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि पीएफआइ रघुवर दास के कार्यकाल में पला और बढ़ा। उनके कार्यकाल में पीएफआइ द्वारा संताल परगना में बड़े पैमाने पर जमीन हड़पने संबंधी पुरानी खबर को निशिकांत दुबे अब प्रसारित कर हेमंत सरकार के मत्थे मढ़ रहे हैं। झामुमो ने ट्वीटर से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का बहिष्कार करने की मांग उठाई। कहा कि निशिकांत दुबे में अगर लज्जा है तो इसपर अपनी सफाई दें। रघुवर सरकार में हुए भ्रष्टाचार को वे हेमंत सरकार से जोड़ रहे हैं।
सरयू राय पर भी पार्टी ने साधा निशाना
उन्होंने पूर्व मंत्री सरयू राय पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे भी रघुवर के शासनकाल में सत्ता की मलाई खा रहे थे। वे भाजपा के प्रभाव में आ गए हैं। भाजपा के साथ मिलकर 1000 करोड़ के पत्थर और बालू घोटाले का आरोप का लगा रहे हैं। ऐसे में पत्थर और बालू को मेजर मिनरल घोषित कर देना चाहिए। अगर एक जिले में 1000 करोड़ का अवैध खनन हुआ है तो 24 जिले को मिलाकर यह 24 हजार करोड़ का घोटाला हुआ।
पूछा- भाजपा शासन में कितने मुकदमे हुए
झामुमो ने कहा कि 18 साल इस राज्य में भाजपा ने शासन किया है। सवाल उठाया कि 2019 तक अवैध माइनिंग के संबंध में कितने एफआइआर और केस दर्ज हुए और इसके बाद अबतक कितने मुकदमे हुए और कितने राजस्व की बढ़ोतरी हुई, यह भी देखना चाहिए।
सरस्वती शिशु विद्यालयों में पढ़ाएं सारे धर्म ग्रंथ
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सभी धर्मों के अतिवादी संगठनों का बहिष्कार हो। ये रंग बदलते रहते हैं। एक को प्रतिबंधित करेंगे तो दूसरे संगठन का नाम बदलकर सक्रिय हो जाएंगे।आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आल इंडिया इमाम संगठन से मिलने मदरसा गए तो मदरसा में कुरान के साथ गीता भी पढ़ाने की सलाह दी। आरएसएस संचालित सरस्वती शिशु मंदिर में भी कुरान और बाइबिल समेत अन्य धर्मग्रंथों को पढ़ाना चाहिए। केंद्रीय विद्यालय में भी इसकी शुरूआत हो।