फंतासी विज्ञान फिल्म में नहीं सच में दिखा एलियन अंतरिक्ष यान!
वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में एक रहस्यमयी वस्तु दिखाई दी है और ये दावा किया जा रहा है कि किसी अन्य आकाशगंगा से आया अंतरिक्ष यान है।
सुनते रहे हैं एलियन की कहानी
इंटरस्टेलर जैसी कई विज्ञान फंतासी वाली फिल्मों में तमाम एलियन ग्रहों और उनके अंतरिक्ष यानों के बारे में बताया गया है। ये सारी कहानियां काल्पनिक थीं पर अब वैज्ञानिकों का दावा है कि हाल ही में धरती के करीब से गुजरी एक सिगारननुमा आकृति वास्तव में एक किसी अन्य आकाशगंगा के किसी ग्रह से आया अंतरिक्ष यान है। आइये जाने क्या है इस रहस्यमयी वस्तु, उल्कापिंड या अंतरिक्षयान की कहानी।
इस साल अक्टूबर में नजर आया था
करीब आधा किलो मीटर लंबे सिगार के आकार की एक रहस्यमई वस्तु इसी साल अक्टूबर के महीने में धरती के नजदीक से गुजरी थी। ओमउआमुआ नाम की यह आकृति ज्यादातर वैज्ञानिकों के लिए ऐसा पहला उल्का पिंड है जो किसी दूसरी आकाशगंगा से हमारे सौरमंडल में बहुत तेज गति से दाखिल हुआ और अब धरती के नजदीक से गुजर कर हमारे सौरमंडल से बाहर जा रहा है। इस पर ध्यान जाने की वजह ये है कि अंतरिक्ष में अब तक जो भी उल्कापिंड देखे गए हैं उन सभी से इसका आकार अनोखा है। जब यह धरती के नजदीक से गुजरा तब भी इसकी दूरी धरती और चांद की दूरी से 85 गुना अधिक थी। इसके बावजूद दुनिया के सबसे बड़े टेलीस्कोप पैन स्टार्स ने उसे देख लिया जो खतरनाक उल्का पिंडों को खोजने और उनकी पहचान करने लिए यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई में लगा है।
स्टीफन हॉकिंग जैसे वैज्ञानिक को भी एलियन अंतरिक्ष यान का शक
तभी से कई वैज्ञानिक इसे एक उल्कापिंड ही मान रहे थे लेकिन इस का अनोखा आकार, इसकी अनोखी विशेषताएं और इसकी बहुत तेज स्पीड की वजह से अब उन्हें यह शक कर हो रहा है कि हो सकता है यह किसी अन्य ग्रह से आने वाला अंतरिक्षयान हो। यहां तक कि विज्ञान की दुनिया में बेहद मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग को भी यकीन आने लगा है कि ये किसी दूसरी दुनिया का एक यान भी हो सकता है, जो ब्रम्हांड की यात्रा पर निकला हुआ है।
हट कर है आकार और विशेषतायें
इस शक की वजह इस रहस्यमय वस्तु का आकार और दूसरी विशेषतायें हैं, जैसे ये करीब 400 मीटर लंबी और सिगार जैसी है। फिर इसकी गति भी अचंभित करने वाली है। यह किसी आकाशगंगा से चल कर 1 लाख 96 हजार मील प्रति घंटे की गति से हमारे सौरमंडल में आया और पृथ्वी के नजदीक से गुजर गया। आमतौर पर उल्कापिंड सौर मंडल में घुसते ही सूरज के गुरुत्वाकर्षण से प्रभावित होकर अपनी दिशा बदल देते हैं या फिर टूट फूट जाते हैं लेकिन इसकी गति को देख कर वैज्ञानिकों का मानना है कि यह सूर्य या किसी दूसरे ग्रह के आकर्षण में फंसे बिना ही बाहर निकल जाएगा।
शुरू हुई जांच
अंतरिक्ष में मौजूद इस अजीब वस्तु की गहराई से जांच और इससे आने वाली रेडियो तरंगों को सुनने के लिए वैज्ञानिक अमेरिका के वर्जीनिया में स्थित सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप 'ग्रीनबैंक' का प्रयोग करने की तैयारी कर रहे हैं। इस टेलिस्कोप की मदद से सूरज से दुगनी दूरी पर पहुंच चुके इस रहस्यमयी पिंड से आ रही तरंगों को पकड़ा जा सकता है। वैज्ञानिक को आशा है कि इस उल्कापिंड या यान के बारे में मिली जानकारी के आधार पर ब्रह्मांड के रहस्यों की कुछ परतें और खुल सकेंगी।