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फिर याद आया बचपन तो खींची उसी पोज में तस्‍वीर देखिए क्‍या मजेदार नतीजे मिले

बचपन सबकी सबसे खूबसूरत याद होती है और उसकी तस्‍वीरों के आढ़े टेढ़े पोज फिर से बना कर जीना और तस्‍वीर खींचना कितना मजेदार होता है देखिए उसके नमूने।

By Molly SethEdited By: Published: Mon, 15 Jan 2018 01:31 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jan 2018 10:00 AM (IST)
फिर याद आया बचपन तो खींची उसी पोज में तस्‍वीर देखिए क्‍या मजेदार नतीजे मिले
फिर याद आया बचपन तो खींची उसी पोज में तस्‍वीर देखिए क्‍या मजेदार नतीजे मिले


कमाल की कलाकारी

पुराना बाथटब और पुरानी याद पर, नजारा आज का है ना कमाल की कलाकारी। 

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कोई लौटा दे वो दिन

अब दिन तो नहीं लौट सकते पर यादें दोहराई भी जा सकती है और रीक्रिएट भी की जा सकती हैं। यकीन ना हो तो ये तस्‍वीरें देख लें।


कुछ आदतें कभी नहीं बदलतीं

हां भई ना इन्‍हें तब नूडल्‍स खाने आते थे ना अब तक आये हैं। 
बचपन के दिन भुला ना देना

पापा की गोद तब भी सुकून देती थी अब भी देती है। बस साइज ही कुछ बढ़ गया है इसलिए अब उनकी बाहों में समा नहीं पा रहा। 

जब मैं छोटा बच्‍चा था

ये तीनों वहीं लाइने दोहरा रहे हैं, जब मैं छोटा बच्‍चा था बड़ी शरारत करता था, अब मैं बड़ा हो गया फिर भी शरारत करता हूं। 

 

चेहरा बदला है अंदाज वही

इनका और कार्टन का आकार बड़ा हो गया तो क्‍या यादों का अहसास तो  नहीं बदला, इसीलिए अंदाज भी नहीं बदला। 

 

हमारी गाड़ी की सवारी

गाड़ी कोई भी हो बेहद खास होती है और उस पर पापा का साथ, तो चलो उन लम्‍हों को एक बार फिर जीते हैं।  


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