कोलकाता के रेस्टोरेंटस में हो रही थी जानवरों का सड़ा मांस परोसने की तैयारी
एक कचरा डंपिंग ग्राउंड में फेंके मृत पशुओं के मांस के साथ कोलकाता के रेस्टोरेंटस में मीट सप्लाई का हो रहा था गोरख धंधा।
केमिकल से रंग बदल कर बेचा जाना था
कोलकाता महानगर से सटे बजबज में मृत पशुओं के मांस के कारोबार का पर्दाफाश होने पर सभी को लगा था कि यह छोटा कारोबार होगा, लेकिन, बुधवार की रात जब महानगर के राजाबाजार से सटे नारकेलडांगा स्थित एक कोल्ड स्टोरेज में छापेमारी की गई तो वहां से कचरा डंपिंग ग्राउंड में फेंके हुए मृत पशुओं के 20 टन पैकेट बंद मांस मिले। जांच में पता चला है कि इस मांस को केमिकल के जरिए रंग बदल कर और ताजे मांस में मिलाकर महानगर व आसपास के इलाकों के रेस्टोरेंटों में आपूर्ति की जा रही थी।
रंगे हाथ पकड़े गए अपराधी
इस गोरखधंधे के सरगना की बिहार के नवादा से गिरफ्तारी के बाद बीती रात दक्षिण 24 परगना जिला व कोलकाता पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही कोल्ड स्टोरेज में रखे 20 हजार किलोग्राम मांस बरामद किया। कोल्ड स्टोरेज को सील कर दिया गया है। जब्त मांस में कुत्ते के भी मांस होने की बात गिरफ्तार सरगना ने स्वीकारी है। गौरतलब है कि बजबज में भगाड़ में फेंके हुए मृत पशुओं के मांस काटकर निकालते समय लोगों ने बजबज नगर पालिका के एक कर्मचारी राजा मल्लिक समेत दो लोगों को रंगे हाथ पकड़ लिया था।
कोलकाता के साथ हावड़ा व हुगली में भी आपूर्ति
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आरोपितों ने पूछताछ में बताया है कि कोलकाता के अलावा हावड़ा व हुगली में भी इस मांस की आपूर्ति की जा रही थी। जांच अधिकारियों का मानना है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित कुछ ढाबों में भी इस मांस की आपूर्ति की जा रही थी। जब्त मांस को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज कर यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर बरामद मांस किन जानवरों के हैं। कोलकाता नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य अतीन घोष ने कहा कि बरामद मांस को स्टेट व सेंट्रल फॉरेंसिक लैब को भेजा गया है।