एचआईवी जांच के लिए 22 हजार मरीजों को बुलाया
एचआईवी पॉजिटिव दंत चिकित्सक द्वारा संक्रमित खून इंजैक्ट करने के संशय के बीच करीब 22,000 मरीजों को टेस्ट के लिए बुलाया गया है। इस मामले का खुलासा यूनाइटेड किंगडम के नॉटिंघमशायर में हुआ है। पिछले 32 वर्षों के दौरान नाटिंघम क्षेत्र में उस चिकित्सक से उपचारित मरीजों को टैस्ट के
एचआईवी पॉजिटिव दंत चिकित्सक द्वारा संक्रमित खून इंजैक्ट करने के संशय के बीच करीब 22,000 मरीजों को टेस्ट के लिए बुलाया गया है। इस मामले का खुलासा यूनाइटेड किंगडम के नॉटिंघमशायर में हुआ है।
पिछले 32 वर्षों के दौरान नाटिंघम क्षेत्र में उस चिकित्सक से उपचारित मरीजों को टैस्ट के लिए बुलावे की पहल को यूनाइटैड किंगडम के चिकित्सा इतिहास का सबसे बड़ा बुलावा माना जा रहा है।
एक व्हिसलब्वोअर द्वारा गुप्त रूप से संक्रमण-नियंत्रण मानकों को तोड़ते हुए एक दंत चिकित्सक को फिल्माए जाने के बाद यह मामला सामने आ पाया। खतरे में पड़े अनुमानित लोगों की रक्त जनित अन्य रोगों की भी जांच होगी जिसमें हेपेटाइटिस बी और सी शामिल हैं।
सूत्र बताते हैं कि 160 रोगी को संक्रमण संबंधी 'गम्भीर खतरेÓ वाले वर्ग में रखा गया है। आरोपों से घिरे इस चिकित्सक का नाम अभी गोपनीय रखा गया है। ये नॉटिंघम क्षेत्र में दशकों से अभ्यास कर रहे हैं और अब तक 22,000 से अधिक रोगियों का इलाज कर चुके हैं।
आरोपों के मध्य एनएचएस इंग्लैंड के बॉस सभी रोगियों को टेस्ट करवाने की चेतावनी जारी कर रहा है। इस चुनौती से निपटने के लिए नॉटिंघमशायर में एक आपातकालीन वॉक-इन-सेंटर की भी स्थापना की गई है। एक हॉटलाइन की व्यवस्था की गई है जो सप्ताह के सातों दिन आरोपों से घिरे इस दंत-चिकित्सक से कभी इलाज करवाये हुए मरीजों को मशविरा देती है।
इस खुलासे के बाद करीब 3,000 मरीजों को बताया गया है कि वो 'कम जोखिमÓ वाले लोगों की सूची में हैं। पिछले 25 वर्षों में एचआईवी संबंधी रोगी अधिसूचना अभ्यास के तहत करीब 10,000 रोगियों का परीक्षण किया गया है।
अप्रैल 2014 में स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य कर रहे एचआईवी संक्रमित कर्मचारियों से संबंधित कानूनों में बदलाव किए गए हैं। इसके अनुसार वैसे एचआईवी संक्रमित कर्मचारी जो दंत सर्जरी कर सकते हैं उन पर से प्रतिबंध हटा लिया गया था।
वहाँ की दंत परिषद के अनुसार विश्व भर में उपचार के दौरान संक्रमण के केवल चार मामले ही सामने आए हैं। ब्रिटेन में चिकित्सा या दाँतों के उपचार के क्रम में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।
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