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50 साल पहले दुर्घटना का शिकार हुआ था जहाज, पायलट का शव मिला अब बिल्कुल सुरक्षित

हिमाचल के लाहौल घाटी में पर्वतरोहियों के एक दल को बर्फ में दबे एयरफोर्स के विमान का मलबा मिला है जो 1968 यानि करीब 50 साल पहले दुर्घटनाग्रस्त हुआ बताया जा रहा है।

By Molly SethEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 01:59 PM (IST)Updated: Thu, 26 Jul 2018 11:49 AM (IST)
50 साल पहले दुर्घटना का शिकार हुआ था जहाज, पायलट का शव मिला अब बिल्कुल सुरक्षित
50 साल पहले दुर्घटना का शिकार हुआ था जहाज, पायलट का शव मिला अब बिल्कुल सुरक्षित

आधी सदी पुराना हादसा 

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समाचार एजेंसियों के मुताबिक पर्वतारोहियों के एक दल को अपने विशेष अभियान में  50 साल पहले दुर्घटनाग्रस्त हुए वायुसेना के एक विमान का मलबा मिला है। विशेष बात ये है कि इस दल को इसके साथ ही एक सैनिक का शव भी मिला है जिसके बारे में अनुमान है कि ये विमान के पायलट का हो सकता है। जांच से पता चला है कि यह विमान हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। सूचना के अनुसार भारतीय वायुसेना का एएन-12 विमान 7 फरवरी 1968 को चंडीगढ़ से लेह के लिए रवाना हुआ था। रास्ते में ही मौसम खराब होने की वजह से चालक दल ने विमान वापस लौटाने का निर्णय लिया। खबर है  कि जब आखिरी रेडियो संपर्क के समय विमान रोहतांग दर्रे के ऊपर उड़ रहा था। उसके बाद सपंर्क टूट गया आैर 98 यात्रियों एवम् चार चालक दल के सदस्यों सहित सोवियत संघ निर्मित ये विमान गायब हो गया था।

अब जाकर मिले अवशेष 

सात फरवरी 1968 को रोहतांग के समीप संपर्क टूटने के बाद लापता हुए इस एयरक्राफ्ट आैर उस पर सवार लोगों का उसके बाद दशकों तक कुछ पता नहीं लगा। अब जाकर विशेष अभिया पर निकले पर्वतारोहियों के दल को इससे जुड़े चिह्न मिले हैं। इसमें विमान के मलबे के  साथ, बर्फ में एक व्यक्ति का हाथ आैर एक शव मिला है। खास बात ये है कि शव पूरी तरह सुरक्षित है। इस बारे  में भारतीय रक्षा मंत्रालय को सूचना दे दी गई है। इससे पहले 2003 में एबीवी इंस्टीट्यूट माउंटेनरिंग एंड अलाइड स्पोर्ट्स मनाली ने दक्षिण ढाका के ग्लेशियर में आैर 2007 में भारतीय सेना के पुनुरुत्थान-3 नाम के अभियान के दौरान भी कुछ अवशेष मिले थे जिसमें दो जवानों के शव के साथ उनका सामान और एक खत भी मिला था। 

स्वच्छता अभियान के लिए गर्इ थी टीेम

दरसल 1 से 15 जुलाई के बीच चंद्रभागा-13 चोटी को साफ करने के लिए मनाली से इंडियन माउंटनियरिंग फाउंडेशन व ओनजीसी की सयुंक्त टीम ने पहाड़ियों पर स्वच्छता अभियान चलाया था। इसी दौरान उन्हें चंद्रभागा-13 चोटी के हिस्से में यह मलबा नजर आया। साथ ही उन्हें मानव का अवशेष भी मिला। इसके बाद टीम के सदस्यों ने उस स्थान से कुछ मीटर दूर एक सैनिक के शरीर को देखा। जिसे जांच के बाद एएन-12 का अवशेष घोषित किया गया।   


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