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ट्रैफिक जाम से त्रस्‍त इंजीनियर ने ऐसे जताया विरोध, घोड़े पर सवार हो कर आया काम पर

बेंगलुरु का एक साफ्टवेयर इंजीनियर शहर के ट्रैफिक जाम से बेहद दुखी था तो उसने विरोध का अनोखा तरीका निकाला और घोड़े पर सवार हो कर पहुंचा कार्यालय।

By Molly SethEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 11:57 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 11:58 AM (IST)
ट्रैफिक जाम से त्रस्‍त इंजीनियर ने ऐसे जताया विरोध, घोड़े पर सवार हो कर आया काम पर
ट्रैफिक जाम से त्रस्‍त इंजीनियर ने ऐसे जताया विरोध, घोड़े पर सवार हो कर आया काम पर

नौकरी के आखिरी दिन का कारनामा

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पिछले दिनों बेंगलुरु के एक इंजीनियर का कारनामा सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इकोनामिक टाइम्‍स की खबर के अनुसार रूपेश कुमार वर्मा नाम के एक शख्‍स जो पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, और बेंगलुरु में नौकरी करते थे। रूपेश ने अब अपने जॉब से रिटायरमेंट ले ली है और जब वे अपने काम के आखिरी दिन ऑफिस जा रहे थे तो कुछ ऐसा किया कि वे चर्चा का विषय बन गए। वे शहर के ट्रैफिक जाम से बेहद दुखी थे और इसलिए घोड़े पर सवार हो कर ऑफिस आये ताकि अपना विरोध दर्ज करा सकें। 

सोशल मीडिया पर छाया अंदाज

रूपेश का बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर जिस कंपनी में काम कर रहे थे वहां उनके कार्य का आखिरी दिवस था। इस दिन को उन्‍होंने ट्रैफिक व्‍यवस्‍था के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए इस्‍तेमाल करने का फैसला किया। वो शहर की ट्रैफिक जाम की स्‍थिति से त्रस्‍त हो चुके थे, लिहाजा वो फार्मल गेटअप में कंधे पर लैपटॉप बैग टांगे हाथ में मोबाइल फोल थाम कर घोड़े पर सवार हुए और ऑफिस के लिए चल दिए। उनके घोड़े पर एक पोस्‍टर भी टंगा था जिस पर लिखा था सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम का आखिरी दिन। उनके इस विरोध के अंदाज को लोगों ने हैरानी से देखा और तस्‍वीरें खींच कर सोशल मीडिया पर पोस्‍ट कर दीं। देखते ही देखते ये तस्‍वीरें फेसबुक, व्‍हाट्सएप और ट्विटर पर वायरल हो गईं। 

सोचा ना था

नौकरी छोड़ कर अब अपना स्‍टार्ट अप शुरू करने की योजना बना रहे रूपेश का भी कहना है कि वो बस ट्रैफिक जाम के खिलाफ अपना गुस्‍सा जाहिर करना चाहते थे। साथ ही शहर में बढ़ते प्रदूषण के लिए भी लोगों को जागरुक करना था, इसीलिए उन्‍होंने घुड़सवारी की योजना बनाई। उन्‍होंने तो सोचा भी नहीं था कि उनकी तस्‍वीर इतनी वायरल हो जायेगी। हांलाकि इस वजह से उन्‍हें कुछ परेशानियों का भी सामना करना पड़ा था, जैसे उनके ऑफिस के प्रवेश पर गार्ड ने उन्‍हें घोड़े सहित अंदर जाने से रोक दिया था। क्‍योंकि पार्किंग में घोड़े के लिए कोई व्‍यवस्‍था नहीं थी।   


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