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ममता की मिसाल बनी कर्नाटक की एक पुलिसकर्मी लावारिस नवजात को दूध पिला कर बचाई जान

अक्‍सर जब पुलिस की बर्बता की खबरों से दिल दहल जाता है तो ऐसी खबरें मिसाल बन कर लोगों का व्‍यवस्‍था और पुलिस पर भरोसा कायम कर देती हैं।

By Molly SethEdited By: Published: Thu, 07 Jun 2018 01:14 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jun 2018 01:14 PM (IST)
ममता की मिसाल बनी कर्नाटक की एक पुलिसकर्मी लावारिस नवजात को दूध पिला कर बचाई जान
ममता की मिसाल बनी कर्नाटक की एक पुलिसकर्मी लावारिस नवजात को दूध पिला कर बचाई जान

मिसाल बने पुलिस वाले 

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डेक्‍कन क्रॉनिकल की एक खबर के अनुसार कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में एक दिन पुलिस को पता चला कि वहां की एक कंस्‍ट्रक्‍शन साइट पर कोई लावारिस बच्‍चा पड़ा है और बहुत रो रहा है तो सबसे पहले तो पुलिस ने तत्‍परता से घटना स्‍थल पर पहुंचने का काम किया। इसके बाद एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर नागेश आर ने जिम्‍मेदारी दिखाई और बच्‍चे को ना सिर्फ संभाला बल्‍कि निकट के अस्‍पताल में उसका इलाज भी कराया और तब थाने लेकर आये जहां एक महिला पुलिसकर्मी अर्चना ने मिसाल कायम की और भूख से बिलख रहे बच्‍चे को अपना दूध पिला कर उसकी जान बचाई। 

हाल ही में प्रसूति अवकाश से लौटी हैं अर्चना

32 साल की अर्चना पिछले 5 साल से बेंगलुरू के सॉफ्टवेयर पावर हाउस के पास बने इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी पुलिस स्टेशन में कान्‍सटेबल हैं। हाल ही में वे खुद मां बनी हैं और बच्‍चे के जन्‍म के बाद काम पर वापस आई हैं। जब बच्चे को थाने में लाया गया तो वो बहुत रो रहा था। उसके रोने से अर्चना बेचैन हो गईं क्‍योंकि उन्‍हें ऐसा महसूस हुआ की वो उन्‍हीं का बच्‍चा है जो भूख से बिलख रहा है। बच्‍चा कुछ घंटों पहले ही जन्‍मा था और उसे बोतल से दूध पिलाना संभव नहीं था। इसी के चलते उन्‍होंने अपना दूध पिलाने का निर्णय लिया। 

क्‍या था पूरा मामला

थाने से जुड़े पुलिस कर्मियों ने बताया कि उन्‍हें कंट्रोल रूम से पता चला कि किसी स्थानीय दुकानदार ने फोन करके बताया है कि वहां की एक कंस्ट्रक्शन साइट पर कोई नवजात बच्‍चे को छोड़ गया है। दुकानदार ने ये भी बताया कि उसे ये बात एक कूड़ा उठाने वाले बताई थी, जिसके बाद उसने स्‍थानीय लोगों के साथ वहां गया और बच्‍चे को देखने के बाद पुलिस को सूचित किया। खबर मिलने पर नागेश वहां पहुंचे तो उन्‍होंने बच्‍चे को काफी बुरी हालत में देखा। वे उसे पास के अस्‍पताल में ले गए। उनके साथ वहां मौजद लोग भी थे। अस्‍पताल वालों ने भी जब बच्‍चे की हालत और परिस्‍थितियां देखीं तो मुफ्त में उसको ट्रीटमेंट दिया। उसके बाद वे बच्‍चे को थाने ले आये जहां अर्चना ने उसे ले लिया और अपना दूध पिलाया। 

हो रही है प्रशंसा

बच्‍चे के साथ मौजूद लोगों ने इस बच्‍चे का नामकरण भी किया और कहा उसे सरकारी बच्‍चा कहा जाने लगा, फिर कुछ ने कहा कि अभी तो राज्‍य में नई सरकार बनी है तो इसका नाम वहां के नवनियुक्‍त मुख्‍यमंत्री के नाम पर कुमारस्‍वामी रख देना चाहिए। कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री का नाम एचडी कुमारस्वामी है। इस बीच अर्चना को उसके इस सराहनीय कदम के लिए काफरी प्रशंसा मिल रही है। वहां के पुलिस उपायुक्त डॉ. एस बोरालिंगा ने कहा है कि उसने ऐसा किया ये बहुत अच्छी बात है, क्‍योंकि हमारे समाज में बच्चे को भगवान माना जाता है। वहीं मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी ने भी कांस्‍टेबल की सराहना की है। अर्चना के पति भी उनके इस कदम से बेहद प्रसन्‍न है। फिल्‍हाल बच्‍चा शिशु विहार (बाल गृह) भेज दिया गया है और उसे इस तरह डालने वाले के खिलाफ शिकायत दर्ज कर के तलाश की जा रही है।  


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