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Varanasi News: महादेव के शहर काशी में अब शवों के लिए 'मणिकर्णिका द्वार' बंद, वजह जानकर हो जाएंगे खुश

Manikarnika Gate नई व्यवस्था में पहले दिन कंधे पर शव लेकर आने वालों को मैदागिन से जाने की थोड़ी छूट दी गई लेकिन वाहन से शव लेकर आने वालों को पुलिस ने भैंसासुर जाने की राह सुझाई लेकिन आगे इस तरह की छूट नहीं मिलेगी। मैदागिन से गोदौलिया मार्ग पर यातायात सुगम रहा। हालांकि पहले दिन शव यात्रा में आए लोगों को खासा फजीहत उठानी पड़ी।

By vikas ojha Edited By: Vivek Shukla Published: Fri, 29 Mar 2024 11:10 AM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2024 11:11 AM (IST)
Varanasi News: महादेव के शहर काशी में अब शवों के लिए 'मणिकर्णिका द्वार' बंद, वजह जानकर हो जाएंगे खुश
Manikarnika Gate मोक्ष तीर्थ को नया स्वरूप दिया जाएगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। Manikarnika Gate मणिकर्णिका घाट के पुनरुद्धार की तैयारी शुरू हो गई है। लगभग 18 करोड़ रुपये खर्च कर मोक्ष तीर्थ को नया स्वरूप दिया जाएगा। इसके लिए गुरुवार को मणिकर्णिका द्वार शवों के लिए बंद कर दिया गया। प्रशासन की ओर से सुझाई गए नई राह भैंसासुर घाट से एनडीआरएफ की देखरेख में जल मार्ग से शव वाहिनी में 50 से अधिक शवों को महाश्मशान घाट तक पहुंचाया गया।

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अब भैंसासुर घाट से ही मोक्ष तीर्थ तक शवों को ले जााया जाएगा। मणिकर्णिका द्वार शवों के लिए स्थायी तौर पर बंद हो जाएगा। मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट के पुनरुद्धार का उद्धाटन प्रधानमंत्री पिछले साल जुलाई में ही कर चुके हैं।

नई व्यवस्था में पहले दिन कंधे पर शव लेकर आने वालों को मैदागिन से जाने की थोड़ी छूट दी गई लेकिन वाहन से शव लेकर आने वालों को पुलिस ने भैंसासुर जाने की राह सुझाई, लेकिन आगे इस तरह की छूट नहीं मिलेगी। मैदागिन से गोदौलिया मार्ग पर यातायात सुगम रहा। हालांकि पहले दिन शव यात्रा में आए लोगों को खासा फजीहत उठानी पड़ी। कुछ लोगों ने इस व्यवस्था को ठीक तो कुछ ने गलत बताया।

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जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने कहा कि मणिकर्णिका घाट का पुनरुद्धार होना है। कार्यदायी एजेंसी शीघ्र कार्य शुरू करेगी। निर्माण व मैदागिन से गोदौलिया मार्ग पर बढ़ रही भीड़ को देखते हुए मणिकर्णिका द्वार बंद किया गया है। वाहन से व कंधे पर शव लेकर आने वाले लोगों को भैंसासुर घाट अनुरोध के साथ भेजने के लिए पुलिस को निर्देशित किया गया है। भैंसासुर घाट से एनडीआरएफ की टीम की देखरेख में जल शव वाहिनी से शवों को महाश्मशान तक पहुंचाया जा रहा है। इस बोट पर शव यात्रा में आने वाले भी जा सकेंगे। यह व्यवस्था पूरी तरह निश्शुल्क हैं। किसी को परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। शहर के बीच से आने वालों के लिए भी शीघ्र राह निकाला जाएगा।

एडिशनल पुलिस कमिश्नर एस चन्नप्पा ने कहा कि मणिकर्णिका द्वार से शव घाट की तरफ नहीं जा रहे हैं। भैंसासुर घाट से शव लाने का अनुरोध किया जा रहा है। इसके लिए वहां जल शव वाहिनी का इंतजाम किया गया है। सामाजिक संगठनों के सहयोग से लोगों से अपील की जा रही है कि शवों को भैंसासुर घाट से मणिकर्णिका तक लेकर आएं।

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मणिकर्णिका घाट पर शव स्नान के लिए पवित्र कुंड

मणिकर्णिका घाट के पुनरोद्धार पर कुल 18 करोड़ रुपये खर्च होंगे। भू-तल का कुल क्षेत्रफल 29.350 वर्ग फीट, दाह संस्कार का क्षेत्रफल 12,250 वर्गफीट तय है। प्रथम तल 20, 200 वर्गफीट रखा गया है। दाह संस्कार का क्षेत्रफल 9100 वर्गफीट होगा। चुनाव के पत्थर व जयपुर के गुलाबी पत्थरों से संवरने वाले इस महाश्माशन क्षेत्र में स्थित मणिकर्णिका कुंड व रत्नेश्वर महादेव मंदिर को सजाया संवारा जाएगा। इसके अलावा शव स्नान के लिए पवित्र जल कुंड, वेटिंग एरिया होंगे। इसके अलावा भूतल पर पंजीकरण कक्ष, नीचे के खुले में दाह संस्कार के 19 बर्थ, लकड़ी भंडारण क्षेत्र, सामुदायिक प्रतिक्षा कक्ष, दो सामुदायिक शौचालय, अपशिष्ट ट्रालियां का स्थापन मुंडन क्षेत्र होंगे। इसके अलावा आसपास के क्षेत्र को भी डेवलप किया जाएगा।

हरिश्चंद्र घाट 13,250 वर्गफीट क्षेत्र में लेगा आकार

हरिश्चंद्र घाट का पुनर्विकास 13,250 वर्ग फीट क्षेत्र में होगा। इसमें दाह संस्कार का क्षेत्र 6200 वर्गफीट निर्धारित किया गया है। इस घाट पर पंजीकरण के अलावा सामुदायिक वेटिंग क्षेत्र, सामुदायिक शौचालय, रैंप आदि का निर्माण होगा। कवर्ड दाह संस्कार क्षेत्र में पांच बर्थ, सर्विस एरिया, अपशिष्ट संग्रह की व्यवस्था, घाट पर सीढि्यों व सड़़क आदि निर्माण शामिल है। इस पर कुल 16.86 करोड़ खर्च होंगे।


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