Jeeva Murder: जीवा की पत्नी ने लड़ा था चुनाव, चार राज्यों में बोलती थी तूती लेकिन बीवी की जमानत हो गई थी जब्त
संजीव जीवा की लखनऊ कोर्ट में दिनदहाड़े हत्या के बाद पत्नी पायल ने सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा के साथ गिरफ्तारी पर रोक लगाने जाने और पति के अंतिम संस्कार में शामिल होने की याचिका दाखिल की है। बता दें कि जीवा पत्नी पायल को सुरक्षित जोन में रखना चाहता था।
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। Sanjeev Jeeva Murder पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी संजीव जीवा को उसके करीबी डाक्टर कहते थे। दरअसल, इसकी वजह यह है कि अपराध की दुनिया में आने से पहले एक चिकित्सक के यहां कंपाउंडर की नौकरी करता था। जीवा अपनी पत्नी पायल माहेश्वरी को सुरक्षित जोन में रखना चाहता था, जिसके लिए उसने पत्नी को राजनीति में स्थापित करने के खूब प्रयास किए।
रालोद के टिकट पर वर्ष 2017 में सदर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ाया। एक साल पूर्व भाजपा में शामिल कराने का भी प्रयास किया। पत्नी भाजपा में शामिल नहीं हो पाई, लेकिन उसके कुछ करीबियों ने भाजपा की सदस्यता ली थी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में रालोद ने संजीव जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी को टिकट दिया था। हालांकि इसका रालोद में अंदरुनी विरोध हुआ था।
भाजपा समेत दूसरे दलों ने रालोद पर अपराधियों को शरण देने संबंधित हमले बोले थे। पायल माहेश्वरी के चुनाव की कमान संजीव जीवा ने जेल में रहते हुए संभाली थी। उस समय कुछ व्यापारियों ने पुलिस से डराने-धमकाने की शिकायत भी की थी। चुनाव वाले दिन नई मंड़ी में जीवा के गुर्गों ने बवाल का प्रयास किया था। नई मंडी के बूथ पर भाजपा और जीवा के गुर्गें आमने सामने आ गए थे। पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए मामले को आगे नहीं बढ़ने दिया था। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया था। पायल माहेश्वरी की चुनाव में जमानत जब्त हो गई थी।
इसके बाद भी संजीव जीवा पत्नी के लिए राजनीतिक मंच कराता रहा। एक साल पहले पायल माहेश्वरी ने भाजपा में शामिल होने के प्रयास किए। संजीव जीवा के कुछ करीबी इसमें कामयाब हो गए, लेकिन पायल माहेश्वरी के नाम पर स्थानीय भाजपा नेताओं ने साफ इंकार कर दिया था। इसके कुछ दिनों बाद पायल माहेश्वरी को गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध किया। यहां तक कि उसकी चल-अचल संपत्त को कुर्क करने की कार्रवाई की गई। महावीर चौक स्थित काम्प्लैक्स को मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण ने सील किया था।
12 साल पहले पैतृक गांव आया था जीवा
कुख्यात संजीव जीवा मूल रूप से भौरांकला थाना क्षेत्र के गांव आदमपुर का रहने वाला था। वर्ष 2011 में इसका परिवार गांव में रहता था। इसी वर्ष संजीव जीवा के पिता का निधन हो गया था। रस्म तेरहवी में शामिल होने के लिए जीवा आदमपुर आया था। उस समय वह पूर्वांचल की जेल में बंद था। पिता के निधन के बाद रस्म तेरहवीं में भाग लेने के लिए कोर्ट से पैरोल लेकर भौराकलां थाने पहुंचा था। जहां से तत्कालीन थानाध्यक्ष केपी शर्मा साथ लेकर गांव आदमपुर स्थित उसके आवास पर लेकर गए थे। रस्म तेरहवीं की रस्म पूरी होने के बाद गांव से पुलिस के साथ रवाना हो गया था। वर्तमान में आदमपुर गांव जनपद शामली में है।
संजय दत्त की जीवा फिल्म देखकर रखा था नाम जीवा
कुख्यात संजीव महेश्वरी 90 के दशक के सुपर स्टार संजय दत्त का बड़ा फेन था और संजय दत्त की जीवा फिल्म देखने के बाद वह संजीव महेश्वरी जीवा बन गया। इतना ही नहीं जीवा को पीले कपड़े पहनने का शौक भी था। संजीव जीवा के पिता ओमप्रकाश महेश्वरी गांव छोड़कर वर्ष 1986 में मुज़फ्फरनगर आ बसे और शहर कोतवाली क्षेत्र के प्रेमपुरी में पशु दुग्ध डेयरी का व्यवसाय शुरू कर दिया था।