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UPSC Result: इंटरव्यू से एक सप्ताह पहले मां का हुआ था देहांत, रूपल ने नहीं हारी हिम्मत, यूपीएससी में हासिल की 26वीं रैंक

दक्षिणी दिल्ली के लाजपत नगर की रहने वाली रुपल राणा ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर देशभर में 26वीं रैंक हासिल की है। दिल्ली पुलिस के एएसआई की बेटी रुपल ने तीन महीने पहले मां का देहांत होने के बाद भी हार नहीं मानी। अपने माता-पिता और खुद का सपना पूरा करने के लिए उसने दिन-रात मेहनत कर सफलता के झंडे गाड़ दिए।

By deepak gupta Edited By: Geetarjun Published: Wed, 17 Apr 2024 08:01 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2024 08:01 PM (IST)
लाजपत नगर की पुलिस कॉलोनी में आईएएस बनने पर रुपल राणा का फूल माला पहनाकर स्वागत करते लोग।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली के लाजपत नगर की रहने वाली रुपल राणा ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर देशभर में 26वीं रैंक हासिल की है। दिल्ली पुलिस के एएसआई की बेटी रुपल ने तीन महीने पहले मां का देहांत होने के बाद भी हार नहीं मानी। अपने माता-पिता और खुद का सपना पूरा करने के लिए उसने दिन-रात मेहनत कर सफलता के झंडे गाड़ दिए। आज उसकी सफलता से स्वजन, रिश्तेदारों और पुलिस स्टाफ में खुशी की लहर है।

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दिल्ली के तिलक मार्ग थाना में तैनात एएसआई जसवीर राणा परिवार के साथ लाजपत नगर स्थित पुलिस कॉलोनी में रहते है। वह मूलरूप से उत्तरप्रदेश के बड़ौत की चौधरान पट्टी के हैं। उनकी बड़ी बेटी रुपल राणा ने यूपीएससी की परीक्षा में देशभर में 26वीं रैंक हासिल की है।

यूपीएससी में चयन होने पर रुपल के स्वजन का खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पिता, भाई, बहन ने उन्हें मिठाई खिलाकर बधाई दी। वहीं, पुलिस स्टाफ, कॉलोनी के लोगों ने घर पहुंचकर बधाई दी और केक काटकर खुशी मनाई।

साक्षात्कार से एक सप्ताह पहले हुआ मां का देहांत, नहीं हारी हिम्मत

एएसआई जसवीर राणा ने बताया कि उनकी पत्नी तीन साल पहले ही बड़ौत से दिल्ली में उनके पास आयी थी। इस साल 27 जनवरी की रात को हार्ट अटैक से उनका देहांत हो गया। इसके एक सप्ताह बाद ही जसवीर की बेटी रुपल राणा का यूपीएससी परीक्षा के लिए साक्षात्कार था। इससे उनकी बेटी बिल्कुल टूट गई थी। जसवीर ने खुद को मजबूत रखा और बेटी को हिम्मत दी। रुपल ने बताया कि जब वह साक्षात्कार के लिए गयी थी तो उसकी आंख से आंसू नहीं रुक रहे थे, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और साक्षात्कार दिया।

रुपल का बचपन से था आईएएस बनने का सपना

रुपल राणा ने बताया कि वह पांच साल से यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। उसका बचपन से ही आइएएस बनने का सपना था और अपने पिता की मेहनत को देखकर ही आइएएस बनने का निर्णय लिया था। दो साल तक राजेंद्र नगर में कोचिंग की और उसके बाद घर पर ही तैयारी शुरू कर दी थी। दो बार वह प्री परीक्षा में फेल हो गई थी, लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं छोड़ी। उसने तीसरी बार में यह सफलता हासिल की।

उत्तरप्रदेश और दिल्ली के लोगों की करना चाहती है सेवा

रुपल का कहना है कि वह अब आईएएस बनकर गरीब लोगों की मदद करना चाहती है। रुपल की प्राथमिकता है कि उसे उत्तर प्रदेश कैडर मिले या फिर दिल्ली, ताकि वह यहां के लोगों की सेवा कर सके। रुपल तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। उसकी छोटी बहन मेडिकल और छोटा भाई दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर की तैयारी कर रहा है।

10वीं से लेकर बीएससी तक हासिल की प्रथम श्रेणी

रुपल की मेहनत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने 10वीं कक्षा से लेकर बीएससी तक प्रथम श्रेणी से पास की। उसने दसवीं तक की पढ़ाई बड़ौत के जेपी पब्लिक स्कूल, 12वीं राजस्थान के पिलानी स्थित बिरला बालिका विद्यापीठ स्कूल और दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामानुजन कालेज कालका जी से बीएससी की। रुपल का कहना है कि वह अब भी अपनी पढ़ाई जारी रखेगी।

आठ से 10 घंटे करती थी पढ़ाई

रुपल राणा ने बताया कि वह रोजाना आठ से दस घंटे पढ़ाई करती थी। जब परीक्षा आती थी तो वह पढ़ाई का समय बढ़ा देती थी और 13 घंटे तक पढ़ाई करती थी। रुपल ने कहा कि यदि उनकी मां जिंदा होती तो वह काफी खुश होती। रुपल ने बताया कि वह अपने पिता को अपना आदर्श मानती है। उनकी आइएएस बनने की यात्रा में माता-पिता, शिक्षकों और भाई-बहन का बहुत योगदान है।


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