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Money Laundring: कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन को मंत्रिमंडल से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित

Money Laundring कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन को दिल्ली विधानसभा व मंत्रिमंडल से अयोग्य घोषित करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 06:02 PM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2022 06:02 PM (IST)
Money Laundring: कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन को मंत्रिमंडल से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित
Money Laundring: -दिल्ली विधानसभा की सदस्यता व मंत्रिमंडल से अयोग्य घोषित करने की मांग को लेकर दायर है जनहित याचिका।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Money Laundring: मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली सरकार (Delhi Government)के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन (Cabinet Minister Satyendra Jain)को दिल्ली विधानसभा व मंत्रिमंडल से अयोग्य घोषित करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट(Delhi High Court) ने मंगलवार को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि अदालत मामले में उचित आदेश पारित करेगी।

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याचिकाकर्ता आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से याचिका दायर कर दावा किया कि जैन ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष स्वयं कहा है कि कोरोना महामारी (Corona)के कारण उन्होंने अपनी याददाश्त खो दी है। याची ने तर्क दिया कि ईडी(ED) को दिया गया कोई भी बयान अदालत में स्वीकार्य है।

उन्होंने कहा कि अगर अपने द्वारा जारी निर्देश एक राज्य मंत्री को याद नहीं है तो इससे जनता प्रभावित हो सकती है। याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत के समक्ष जैन की जमानत अर्जी (Bail Applicatio)के जवाब में ईडी (ED)ने सूचित किया कि जैन ने स्वीकार किया है कि गंभीर कोरोना संक्रमण होने के कारण उन्हें कुछ ठीक से याद नहीं है। स्मृति खोने से जुड़ी मीडिया द्वारा कवर की गई और सार्वजनिक डोमेन में है।

याचिका में यह भी कहा गया कि एक अस्वस्थ व्यक्ति को सरकार के इतने महत्वपूर्ण विभागों के साथ जारी रखना दिल्ली के मतदाताओं को धोखा देना है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 191 (1) (बी) के तहत स्पष्ट है कि अगर विधायक विकृत दिमाग के हैं तो उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।

पिछले महीने हाई कोर्ट(High Court) ने जैन की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मंत्रिमंडल से निलंबित करने की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को यह विचार करना है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को मंत्री के रूप में बने रहने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं। ईडी ने 30 मई को मनी लांड्रिंग(Money Laundring) से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत (Under Custody)में है।


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