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अतीत के आईने से: उत्तर पश्चिमी दिल्ली के दो सांसद बने थे दिल्ली के मुख्यमंत्री, चौधरी ब्रह्म प्रकाश को तो संयोग ने बनाया CM

बाहरी दिल्ली बाहरी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र ने दिल्ली को दो मुख्यमंत्री दिए हैं। अब यह उत्तर पश्चिमी संसदीय क्षेत्र कहा जाता है। यहां से सांसद रहे चौधरी ब्रह्म प्रकाश दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री बने थे। इसके करीब 41 वर्ष बाद इसी क्षेत्र से सांसद रहे साहिब सिंह वर्मा ने भी मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली। चौधरी ब्रह्म प्रकाश चार और साहिब सिंह वर्मा एक बार यहां से सांसद रहे।

By Jagran News Edited By: Pooja Tripathi Published: Thu, 28 Mar 2024 12:37 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2024 12:37 PM (IST)
अतीत के आईने से: उत्तर पश्चिमी दिल्ली के दो सांसद बने थे दिल्ली के मुख्यमंत्री, चौधरी ब्रह्म प्रकाश को तो संयोग ने बनाया CM
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (बाएं) के साथ दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश। सौजन्य-इंटरनेट मीडिया

धर्मेंद्र यादव, नई दिल्ली। बाहरी दिल्ली बाहरी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र ने दिल्ली को दो मुख्यमंत्री दिए हैं। अब यह उत्तर पश्चिमी संसदीय क्षेत्र कहा जाता है।

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यहां से सांसद रहे चौधरी ब्रह्म प्रकाश दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री बने थे। इसके करीब 41 वर्ष बाद इसी क्षेत्र से सांसद रहे साहिब सिंह वर्मा ने भी मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली। चौधरी ब्रह्म प्रकाश चार और साहिब सिंह वर्मा एक बार यहां से सांसद रहे।

चौधरी ब्रह्म प्रकाश और साहिब सिंह वर्मा में एक बात समान है। दोनों पहले मुख्यमंत्री बने और बाद में सांसद चुने गए। शकूरपुर गांव के रहने वाले चौधरी ब्रह्म प्रकाश 17 मार्च 1952 को दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री बने और 12 फरवरी 1955 तक इस पद पर रहे।

चौधरी ब्रह्म प्रकाश लगातार कई साल तक रहे बाहरी दिल्ली के सांसद

इसके बाद चौधरी ब्रह्म प्रकाश वर्ष 1962 से लेकर 1980 तक लगातार बाहरी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए। तीन बार कांग्रेस और एक बार जनता पार्टी की टिकट पर सांसद बने।

वहीं, मुंडका विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले साहिब सिंह वर्मा इसी लोस क्षेत्र से वर्ष 1999 में सांसद बने। वह सांसद बनने से पहले 26 फरवरी 1996 से 12 अक्टूबर 1998 तक मुख्यमंत्री रहे। हालांकि वर्ष 1991 में बाहरी दिल्ली से लोस चुनाव हार गए थे।

शपथ से पहले विधायक दल के नेता की मौत के बाद बने थे सीएम

अक्टूबर 1951 में हुए दिल्ली विधानसभा के पहले चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिला। विधायक दल ने देशबंधु गुप्ता को अपना पहला मुख्यमंत्री चुन लिया, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।

शपथ ग्रहण से पहले देशबंधु गुप्ता की हादसे में मौत हो गई। इसके बाद सर्वसम्मति से चौधरी ब्रह्म प्रकाश को विधायक दल का नेता चुना गया और वह मुख्यमंत्री बने।

चौधरी ब्रह्म प्रकाश का जन्म केन्या में हुआ था, वे 16 साल की आयु में दिल्ली आ गए थे, दिल्ली में पढ़ाई की और अपना राजनीतिक करियर शुरू किया।

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