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Moto GP बाइक रेसिंग के आयोजन में अनियमितता की जांच शुरू, यीडा सीईओ ने मांगे साक्ष्य

मोटो जीपी बाइक रेसिंग के आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 18 करोड़ रुपये दिए थे। जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने फेयर स्ट्रीट स्पोर्ट्स को दी गई धनराशि का ऑडिट और अनुबंध की शर्त के पालन की जांच कराने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि आयोजकों द्वारा बरती गई अनियमितता को देखते हुए जांच कराना जरूरी है।

By Arvind Mishra Edited By: Shyamji Tiwari Published: Thu, 28 Mar 2024 07:07 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2024 07:07 PM (IST)
Moto GP बाइक रेसिंग के आयोजन में अनियमितता की जांच शुरू, यीडा सीईओ ने मांगे साक्ष्य
Moto GP बाइक रेसिंग के आयोजन में अनियमितता की जांच शुरू

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। मोटो जीपी के आयोजन में अनियमितता के आरोपों की जांच शुरू हो गई है। जांच अधिकारी यमुना प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने मोटो जीपी के आयोजन में काम करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। इसके साथ ही आयोजनकर्ता कंपनी फेयर स्ट्रीट स्पोर्ट्स को भी नोटिस जारी किया गया है। जांच रिपोर्ट इन्वेस्ट यूपी को भेजी जाएगी।

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मोटो जीपी बाइक रेसिंग का सितंबर 2023 से बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर आयोजन किया गया था। इस आयोजन के लिए प्रदेश सरकार ने 18 करोड़ रुपये दिए थे। जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने दिसंबर 2023 मुख्य सचिव डीएस मिश्रा को पत्र लिखकर फेयर स्ट्रीट स्पोर्ट्स को दी गई धनराशि का आडिट और अनुबंध की शर्त के पालन की जांच कराने की मांग की थी।

विधायक ने कहा कि आयोजकों द्वारा बरती गई अनियमितता को देखते हुए जांच कराना जरूरी है। आयोजनकर्ता कंपनी ने स्पेन की डोरना कंपनी को लाइसेंस शुल्क का 120 करोड़ रुपये भुगतान नहीं किया। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यह राशि दिलाने की बात कहकर गुमराह किया जा रहा है। बाइक रेसिंग के लिए ट्रैक तैयार करने वाली कंपनी सालिटियर इंजीनियरिंग का छह करोड़, जेपी समूह का 14करोड़, हाउस कीपिंग और सुरक्षा उपलब्ध कराने वाली कंपनी का पांच करोड़, समेत अन्य कंपनियों का भुगतान बकाया है।

सरकारी पैसे को आयोजनकर्ता कंपनी द्वारा हड़पने की आशंका को देखते हुए आडिट होना जरूरी है। विधायक के पत्र पर इन्वेस्ट यूपी के एसीईओ प्रथमेश कुमार ने यमुना प्राधिकरण को जमीनी जांच करने का आग्रह किया था। सीईओ यमुना प्राधिकरण डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया गया है। उन्हें दस्तावेज के साथ अपनी बात रखने को कहा गया है। जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी।


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