Delhi Crime: चिप्स-कुरकुरे का लालच देकर पांच बच्चों को सोनीपत से किया अगवा, पुलिस ने नरेला रेलवे स्टेशन से किया बरामद
हरियाणा के सोनीपत से अगवा पांच बच्चों को बेचने के लिए दिल्ली लाया गया जहां पुलिस ने नरेला रेलवे स्टेशन से बरामद कर लिया। ट्यूशन पढ़ने जाने के दौरान इन्हें अगवा किया गया था। आरोपियों ने उन्हें चिप्स और कुरकुरे का लालच देकर उन्हें बहला फुसला कर घर छोड़ने के बहाने नरेला रेलवे स्टेशन पर लेकर आ गया था। उसकी योजना बच्चों को हरदोई लेजाकर बेचने की थी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सोनीपत से अगवा पांच बच्चों को दिल्ली पुलिस की रेलवे यूनिट ने 24 घंटे के अंदर नरेला रेलवे स्टेशन से बरामद कर स्वजन को सौंप दिया है। ट्यूशन पढ़ने जाने के दौरान एक आरोपित ने रास्ते से इन बच्चों को अगवा कर लिया था।
आरोपियों ने उन्हें चिप्स और कुरकुरे का लालच देकर उन्हें बहला फुसला कर घर छोड़ देने के बहाने नरेला रेलवे स्टेशन पर लेकर आ गया था। उसकी योजना बच्चों को हरदोई लेजाकर बेचने की थी लेकिन इससे पहले रेलवे पुलिस ने बच्चों को बरामद कर अपहर्ता को भी गिरफ्तार कर उसकी योजना पर पानी फेर दिया।
बच्चों की उम्र चार से दस साल के करीब
डीसीपी रेलवे केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक बरामद बच्चों की उम्र चार से दस साल के करीब है। गिरफ्तार अपहर्ता का नाम सेतु वर्मा है। वह बबनापुर, हरदोई, यूपी का रहने वाला है। बुधवार को सब्जी मंडी रेलवे थाने के इंस्पेक्टर शरत बिश्नोई, एसआई पृथ्वी सिंह, एएसआई उधर नामदेव व जय सिंह के साथ नरेला रेलवे स्टेशन का निरीक्षण कर रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक युवक पांच बच्चों के साथ स्कूल बैग लेकर घूम रहा था। उन्हें उस व्यक्ति की गतिविधि पर संदेह हुआ।
पुलिसकर्मियों ने जब पहले बच्चों के पास आकर पूछताछ शुरू की तो उन्हें देखकर अपहर्ता मौके से भाग गया। बच्चों से पूछताछ में पता चला कि वे दोपहर में ट्यूशन पढ़ने जा रहे थे। उसी दौरान रास्ते में अपहरणकर्ता ने उन्हें बहला-फुसलाकर कुरकुरे चिप्स खिलाए और उनका अपहरण कर लिया।
बच्चों की कॉपी चेक गई
घर की जानकारी सही तरीके से नहीं दे पाने के कारण पुलिस ने बच्चों की कॉपी चेक की तो उसमें स्कूल का नाम लिखा मिला। उसके बाद स्कूल के इसके बाद बच्चों के स्वजन से संपर्क करने पर पता चला कि वे लोग 24 घंटे से बच्चों की ही तलाश कर रहे हैं। इसके बाद उन्हें दिल्ली बुलाकर अज्ञात के खिलाफ सब्जी मंडी रेलवे स्टेशन थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई।
बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया
कानूनी प्रक्रिया के बाद पहले बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया। उसके बाद रेलवे यूनिट की तकनीकी टीम में शामिल एएसआइ अजीत सिंह, हवलदार हरि किशन और सिपाही योगेंद्र की टीम ने जांच पड़ताल के बाद सेतु वर्मा को हरदोई से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह दिल्ली में मोमबत्ती बनाने की फैक्ट्री में काम करता था। उसने पैसे कमाने के लिए बच्चों को अपने मूल स्थान पर ले जाकर बेचने के लिए उनका अपहरण किया था।