Delhi Metro News: रेड लाइन पर रफ्तार भर रहीं आठ कोच की मेट्रो ट्रेनें, फिर भी यात्रियों को हो रही ये समस्या
दिल्ली मेट्रो राजधानी वासियों की लाइफलाइन बनी हुई है। ब्लू व यलो लाइन की तरह दिल्ली मेट्रो की रेड लाइन पर भी अब सभी आठ कोच की मेट्रो ट्रेनें रफ्तार भर रही हैं। इसके बावजूद यात्रियों के सामने मेट्रो की कम फ्रीक्वेंसी समस्या बनी हुई है। इस कॉरिडोर की 39 में से 37 मेट्रो आठ कोच की ट्रेन में तब्दील की जा चुकी हैं।
रणविजय सिंह, नई दिल्ली। ब्लू व यलो लाइन की तरह दिल्ली मेट्रो के सबसे पुराने कॉरिडोर रेड लाइन (रिठाला-न्यू बस अड्डा गाजियाबाद) पर भी अब सभी आठ कोच की मेट्रो ट्रेनें ही रफ्तार भर रही हैं। इसका कारण यह है कि इस कॉरिडोर पर इस्तेमाल होने वाली दो मेट्रो ट्रेनों को छोड़कर बाकी अन्य सभी ट्रेनें आठ कोच की ट्रेन में तब्दील हो गई हैं।
मेट्रो के व्यस्त कॉरिडोर में शुमार है रेड लाइन
इससे रेड लाइन की मेट्रो में यात्रा करने वाले यात्रियों का सफर पहले से आसान हुआ है। लेकिन इस कॉरिडोर पर मेट्रो की कम फ्रीक्वेंसी अभी समस्या बनी हुई है। रेड लाइन दिल्ली मेट्रो के व्यस्त कॉरिडोर में शुमार है। लेकिन पहले इस कॉरिडोर पर छह कोच की मेट्रो ट्रेनों का परिचालन होता था।
इस वजह से इस कॉरिडोर की मेट्रो में यात्रियों की अधिक होती थी। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने ब्लू, यलो व रेड लाइन के लिए वर्ष 2018 में 120 कोच खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी। अप्रैल 2021 तक ये सभी कोच दिल्ली पहुंच गए थे।
यलो व ब्लू लाइन दिल्ली मेट्रो की सबसे व्यस्त कारिडाेर है। इसलिए सबसे पहले ब्लू लाइन पर चलने वाली छह कोच की नौ मेट्रो व यलो लाइन की 24 मेट्रो में दो-दो अतिरिक्त कोच जोड़े गए। इसके बाद 34.55 किलोमीटर लंबी रेड लाइन की मेट्रो को नवंबर 2022 में आठ कोच में तब्दील करने का काम शुरू हुआ।
रेड लाइन पर होता है 39 मेट्रो ट्रेनों का परिचालन
रेड लाइन पर 39 मेट्रो ट्रेनों का परिचालन होता है। पिछले वर्ष जून तक इस करिडोर की 14 मेट्रो ट्रेनों आठ कोच में तब्दील हो पाई थीं। इसके बाद पिछले करीब नौ माह में इस कॉरिडोर की 23 अतिरिक्त मेट्रो ट्रेनों में दो-दो कोच जोड़े गए हैं।
इसलिए इस कॉरिडोर की अब 37 मेट्रो आठ कोच में तब्दील हो गई हैं। इन 37 मेट्रो ट्रेनों में कुल 74 नए कोच जोड़े गए हैं। मेट्रो के एक कोच में करीब 50 यात्रियों के बैठने के लिए सीट होती है। वैसे एक मेट्रो कोच की क्षमता करीब 350 यात्रियों का बोझ उठाने की होती है। इसलिए दो अतिरिक्त कोच बढ़ जाने से एक मेट्रो में 600-700 अधिक यात्री सफर कर सकते हैं।
डीएमआरसी का कहना है कि इस कॉरिडोर की अन्य दो मेट्रो को भी आठ कोच में तब्दील करने की प्रकिया चल रही है। जल्द ही ये दोनों ट्रेनें भी आठ कोच की मेट्रो में बदल जाएंगी।