ठगी का नया तरीका! पहले ऑनलाइन ऐप के जरिए लोन दिया, नहीं चुकाने पर अश्लील फोटो डालकर किया ब्लैकमेल; 9 गिरफ्तार
ऑनलाइन ऐप से लोगों को लोन देने के बाद उसे न चुका पाने पर पीड़ित की फोटो अश्लील बनाकर इंटरनेट मीडिया पर डालने की धमकी देने के आरोप में पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। साइबर थाना पश्चिम पुलिस ने एक शिकायत के बाद कार्रवाई करते हुए सभी को उद्योग विहार से गिरफ्तार कर लिया। ये सभी दिल्ली गुरुग्राम बिहार उत्तर प्रदेश आदि के रहनेवाले थे।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। ऑनलाइन ऐप से लोगों को लोन देने के बाद उसे न चुका पाने पर पीड़ित की फोटो अश्लील बनाकर इंटरनेट मीडिया पर डालने की धमकी देकर वसूली करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है।
साइबर थाना पश्चिम पुलिस ने एक शिकायत के बाद कार्रवाई करते हुए गिरोह के नौ आरोपितों को उद्योग विहार से गिरफ्तार कर लिया। इनमे से एक आरोपित सिरसा, एक दिल्ली, एक गुरुग्राम, दो बिहार, दो उत्तर प्रदेश, एक राजस्थान और एक झारखंड का रहने वाला है।
लोन न चुकाने पर अश्लील फोटो से किया ब्लैकमेल
एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने बताया कि एक महिला ने तीन अप्रैल को साइबर थाना पश्चिम में शिकायत दी थी कि उसने ऑनलाइन ऐप फिनसारा से तीन हजार रुपये का लोन लिया था। लोन समय पर न भर पाने के कारण लोन ऐप चलाने वाले लोगों ने फेसबुक पर इसकी अश्लील तस्वीर डालकर तथा वाट्सऐप पर बार-बार आपत्तिजनक फोटो डालकर परेशान किया।
पैसे नहीं देने पर फोटो वायरल करने की दी धमकी
पैसे नहीं देने पर परिवार के सदस्यों को भी फोटो भेजने की धमकी दी। थाना पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद कार्रवाई करते हुए बुधवार रात नौ आरोपितों को पकड़ लिया। इनकी पहचान सिरसा निवासी गौरव वाधवा, दिल्ली के द्वारका निवासी राहुल जैन, गुरुग्राम के सेक्टर 54 निवासी रोहन पलहा, बिहार के दरभंगा निवासी रोहित, छपरा निवासी विवेक, उत्तर प्रदेश के औरेया निवासी बृजेंद्र सिंह, आजमगढ़ निवासी अवनीश गिरी, राजस्थान के अलवर निवासी पवन कुमार और झारखंड के धनबाद निवासी शिशु कुमार के रूप में की गई।
आरोपितों से पूछताछ में पता चला कि रोहन, गौरव व राहुल लोन देने वाले एप फिनसारा के मालिक हैं। उद्योग विहार में इन्होंने अपना कार्यालय बना रखा था। रोहित कुमार मैनेजर, बृजेंद्र सिंह व पवन कुमार टीम लीडर तथा अवनीश गिरी, शिशु कुमार व रितेश रिकवरी एजेंट हैं।
ऐप के जरिए दिलाते थे लोन
ये लोन एप के माध्यम से लोगों को लोन देते हैं। लोन रिकवरी के लिए अन्य लोग रखे हुए हैं जो लोन न चुकाने पर पीड़ित की फोटो फार्फ कर उसको इंटरनेट मीडिया व उसके परिवार वालों के पास भेजने की धमकी देकर वसूली करते हैं। इसके लिए टीम लीडर्स को 25 हजार रुपये महीना तथा रिकवरी एजेंट को 14 हजार रुपये महीना मिलता है। आरोपितों के कब्जे से आठ मोबाइल फोन बरामद किया गया है।