जी न्यूज के संपादक को सुप्रीम कोर्ट से मिली दंडात्मक कार्रवाई से राहत, शीर्ष अदालत ने राजस्थान व छत्तीसगढ़ को नोटिस भी किए जारी
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ को नोटिस जारी करते हुए कहा कि रायपुर और सीकर में एक ही कारण से दर्ज एफआइआर के संदर्भ में कोई कार्रवाई न की जाए।
नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी का वीडियो एक जुलाई के कार्यक्रम में गलत संदर्भ में चलाने के मामले में दर्ज कई एफआइआर के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को समाचार चैनल जी न्यूज के संपादक रजनीश आहूजा को राहत प्रदान कर दी। शीर्ष अदालत ने विभिन्न राज्यों के अधिकारियों द्वारा उनके विरुद्ध किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ को नोटिस जारी करते हुए कहा कि रायपुर और सीकर में एक ही कारण से दर्ज एफआइआर के संदर्भ में कोई कार्रवाई न की जाए। पीठ ने कहा कि रजनीश आहूजा के विरुद्ध जयपुर में दर्ज पहली एफआइआर से संबंधित जांच जारी रहेगी।
आहूजा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने कहा कि वह (आहूजा) जयपुर में दर्ज केस की जांच में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनके खिलाफ एक ही प्रसारण को लेकर कई एफआइआर दर्ज कराई गई हैं और एक साथ कई स्थानों पर समन कर उनका उत्पीड़न नहीं किया जा सकता। पीठ ने इस बात पर संज्ञान लिया कि चैनल ने अगले ही दिन प्रसारण को वापस ले लिया था और इस मामले पर क्षमा याचना की थी। साथ ही कार्यक्रम के एंकर रोहित रंजन के संबंध में शीर्ष अदालत द्वारा जारी आदेश का हवाला दिया।
छत्तीसगढ़, राजस्थान और यूपी सरकार को नोटिस जारी कर मांगा था जवाब
आठ जुलाई को शीर्ष अदालत ने रोहित रंजन को भी राहत प्रदान की थी और विभिन्न एफआइआर के संबंध में राज्यों द्वारा उन्हें हिरासत में लेने पर रोक लगा दी थी। अवकाशकालीन पीठ ने उन्हें राहत प्रदान करते हुए केंद्र सरकार के साथ-साथ छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। रोहित रंजन ने अपनी याचिका में प्रसारण से संबंधित शिकायतों या एफआइआर को रद करने की मांग की थी।