जाकिर नाइक के ट्रस्ट को अज्ञात 'शुभ चिंतकों' से आतंक फैलाने में मदद के लिए करोड़ों का दान मिला
केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जांच में विवादास्पद इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक के ट्रस्ट और निजी बैंक खाते में करोड़ों रुपये जमा होने का पता चला है।
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जांच में विवादास्पद इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक के ट्रस्ट और निजी बैंक खाते में करोड़ों रुपये जमा होने का पता चला है। जाकिर नाइक मुस्लिम युवाओं को नफरत में अंधा बनाकर उन्हें आतंकवाद का रास्ता चुनने के लिए गुमराह करता था। जांच में पता चला है कि आतंक फैलाने में मदद करने वाले अज्ञात 'शुभ चिंतकों' ने जाकिर नाइक के खाते में यह रकम जमा की है।
ईडी का कहना है कि जाकिर नाइक के मुंबई स्थित चैरिटी ट्रस्ट इस्लामिक रीसर्च फाउंडेशन (आइआरएफ) को ये पैसे आतंकवाद को मदद करने वालों ने दिए हैं। ट्रस्ट को ये पैसे दान और जकत (इस्लामिक भिक्षा) के रूप में देश और विदेश से जाकिर के फाउंडेशन को दिए गए हैं। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सऊदी अरब, बेहरीन, कुवैत, ओमान, मलेशिया और अन्य देशों से भी दान में करोड़ों की रकम मिली है। उल्लेखनीय है कि जाकिर नाइक जांच से बचने के लिए भारत से फरार है। मौजूदा समय में वह मलेशिया में है।
ईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया है कि 53 वर्षीय जाकिर अब्दुल करीम नाइक ने आइआरएफ के खाते विभिन्न बैंकों में रखे। इन बैंक खातों में दानकर्ता पैसे जमा करते रहते थे। इन खातों पर जाकिर नाइक का ही पूरा नियंत्रण था। यह बैंक खाते सिटी बैंक, डीसीबी बैक लिमिटेड और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में हैं। देश-विदेश के दानकर्ताओं ने जाकिर नाइक के इन्हीं खातों में मोटी रकम जमा की है।
रिपोर्ट के मुताबिक दानकर्ताओं की पहचान नहीं हो पा रही है। चूंकि उनकी रसीदों पर नाम की जगह सिर्फ 'शुभ चिंतक' लिखा हुआ है। चूंकि दान की रकम ज्यादातर नकद रूप में दी गई है। रसीदों पर दानकर्ताओं का पता या फोन नंबर आदि का ब्यौरा नहीं है। इससे इनके बोगस या नकली प्रविष्टियां होने की आशंका है। ईडी ने हाल ही में दायर अपने आरोप पत्र में अपराध में इस्तेमाल होने वाली कुल 193.03 करोड़ की रकम का ब्यौरा दिया है। ईडी पहले भी उसकी कई चल-अचल संपत्तियां जब्त कर चुकी है।
जांच में पाया गया कि आइआरएफ के बैंक खाते में वर्ष 2003-04 से 2016-17 के बीच 64.86 करोड़ रुपये मिले थे। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार इसमें से अधिकांश रकम का इस्तेमाल 'पीस कांफ्रेंस' का आयोजन करने, वेतन देने और अन्य खर्चो में हुआ। शांति के नाम पर की जाने वाले इन कथित 'पीस कांफ्रेंस' का नेतृत्व जाकिर नाइक ही करता था। और वह इन सम्मेलनों में युवाओं को अपने भड़काऊ भाषणों से नफरत फैलाता था और इस्लाम अपनाने के लिए उकसाता था। इसी तरह आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल होने वाली रकम करीब 49.20 करोड़ है। यह रकम उसे वर्ष 2012 और 2016 के बीच यूएई से मिली थी। यह रकम मुंबई की मझगांव ब्रांच के उसके दो निजी खातों में जमा की गई थी। उसने ऐसी ही दान से मिली करोड़ों की रकम से देश भर में अपनी संपत्ति बनाई है।
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