डोकलाम विवाद के बाद पहली बार मिलेंगे पीएम मोदी और शी चिनफिंग
अगले हफ्ते ही पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच फिलीपींस की राजधानी मनीला में बैठक होने के पुरजोर आसार हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। डोकलाम विवाद का समाधान निकालने के बाद भारत और चीन रिश्तों के तनाव को सामान्य बनाने की नई कोशिश शुरु कर रहे हैं। कोशिश फिलहाल दो स्तरों पर होने जा रही है। एक तो अगले हफ्ते ही पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच फिलीपींस की राजधानी मनीला में बैठक होने के पुरजोर आसार हैं। तो दूसरी तरफ दोनो देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की अगुवाई में सीमा विवाद सुलझाने के लिए गठित विशेष समिति की बैठक की तैयारियां भी चल रही हैं। यह बैठक डोकलाम विवाद की वजह से टाल दी गई थी। इसके अलावा अगले कुछ हफ्तों में विदेश मंत्री के स्तर पर भी द्विपक्षीय बातचीत होने वाली है। भारत-रूस-चीन की त्रिपक्षीय बैठक में भाग लेने के लिए चीन के विदेश मंत्री दिसंबर, 2017 में आ सकते हैं।
मोदी और चिनफिंग मनीला में आसियान देशों की सालाना बैठक में हिस्सा लेने के लिए उपस्थित होंगे। कुछ अवसरों को छोड़ दिया जाए तो जब भी ये दोनो नेता किसी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एक साथ शिरकत करते हैं तो द्विपक्षीय आधिकारिक बैठक जरुर करते हैं। डोकलाम विवाद के दौरान भी हनोवर (जर्मनी) में समूह-20 देशों की बैठक के दौरान दोनो की मुलाकात हुई थी। माना जाता है कि इसने विवाद को सुलझाने में मदद की थी। पिछले साढ़े तीन वर्षो में मोदी की चिनफिंग से संभवत: डेढ़ दर्जन बार द्विपक्षीय बातचीत हो चुकी है। बहरहाल, माना जा रहा है कि दोनो नेता मनीला में आपसी बातचीत से द्विपक्षीय रिश्तों के मौजूदा तनाव को सामान्य बनाने का कोई रास्ता निकालेंगे।
वैसे दोनो देश उन वजहों का स्थायी समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं जिसकी वजह से 4000 किलोमीटर लंबी सीमा पर तनाव पैदा होते हैं। समाधान निकालने के लिए दोनो देशों ने एक उच्चस्तरीय समिति गठित कर रखी है। अभी इसमें भारतीय पक्ष की अगुवाई में एनएसए अजीत डोभाल करते हैं जबकि चीनी पक्ष की अगुवाई वहां के पोलित ब्यूरो में शामिल व स्टेट काउंसलर यांग यिची करेंगे। यांग यिची की अगुवाई वाली टीम के साथ डोभाल की कई स्तरों की बात पहले भी हुई है। दोनो पक्षों के बीच अंतिम बैठक पिछले वर्ष बीजिंग में हुई थी। अगली बैठक इस वर्ष के मध्य में होनी थी लेकिन डोकलाम विवाद की वजह से यह नहीं हो सकी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संकेत दिए कि अब यह वार्ता ज्यादा दिनों तक नहीं टाली जाएगी। उन्होंने बताया कि भारत और चीन के बीच अधिकारी सीमा विवाद सुलझाने के लिए गठित विशेष प्रतिनिधियों के बीच वार्ता के लिए एक दूसरे के संपर्क में है।
जाकिर नाइक को भारत लाने की कार्रवाई तेज, मलेशिया ने भी दिए सकारात्मक संकेत
टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में आरोपी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक को मलेशिया से भारत लाने की कार्रवाई तेज हो गई है। मलेशिया ने भी जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण की दिशा में सकारात्मक संकेत दिए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने आज कहा है कि मामले में अंतरविभागीय बातचीत जारी है। जल्द ही मलेशिया से नाइक के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया जाएगा। बता दें कि मलेशिया के अखबारों में प्रकाशित खबरों की मानें तो वहां की सरकार ने कहा है कि अगर भारत सरकार की तरफ से अनुरोध आता है तो वो इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक को भारत को सौंप देंगे। नाइक पर भारत में टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एनआईए ने चार्जशीट दायर की हुई है।
Inter departmental consultations are on. We will conclude it soon and then ask for extradition (from Malaysia): Raveesh Kumar, MEA Spokesperson on Zakir Naik pic.twitter.com/i4YNlYFB4x
— ANI (@ANI) November 9, 2017