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बिहार के बाद आंध्र प्रदेश बनेगा शराब मुक्त राज्य, मुख्यमंत्री ने दिया इशारा

भारत के राज्य गुजरात और बिहार में शराब के प्रतिबंध होने के बाद आंध्र प्रदेश भी ऐसा कदम उठा सकती है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 09:52 AM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 10:25 AM (IST)
बिहार के बाद आंध्र प्रदेश बनेगा शराब मुक्त राज्य, मुख्यमंत्री ने दिया इशारा
बिहार के बाद आंध्र प्रदेश बनेगा शराब मुक्त राज्य, मुख्यमंत्री ने दिया इशारा

हैदराबाद, एएनआइ। भारत के राज्य गुजरात और बिहार में शराब के प्रतिबंध होने के बाद आंध्र प्रदेश भी ऐसा कदम उठा सकती है। गुरुवार को राज्य में हुई रेवन्यू बैठक के दौरान मुख्यमंत्री वाइएस जगन मोहन रेड्डी ने राज्य में बार की संख्या कम करने पर जोर दिया।   इस दौरान सभी अधिकारियों को सुनिश्चित करने  के लिए कहा गया है अगले साल जनवरी से राज्य में बार को खोलने का समय सुबह 11 बजे से रात 10 बजे तक रहेगा।

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इसके अलावा राज्य में बार की संख्या कम करने पर भी जोर दिया। आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने उसी के लिए दिशानिर्देशों का एक सेट तैयार करने का आदेश दिया और लंबित करों को इकट्ठा करने के लिए एक प्रक्रिया का मसौदा तैयार करने को कहा।

अधिकारी ने मुख्यमंत्री को बताया कि पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में इस साल अक्टूबर तक वाणिज्यिक करों के माध्यम से एकत्र की गई राशि में 0.14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले साल अक्टूबर तक एकत्र किया गया वाणिज्यिक कर 24,947 करोड़ रुपये था, जबकि इस साल अक्टूबर तक राजस्व 24,982 करोड़ रुपये था। आबकारी विभाग ने राजस्व में 8.91 प्रतिशत की गिरावट देखी। विभाग ने पिछले वर्ष की इसी अवधि में 4043.72 करोड़ रुपये की आय देखी है और इस वर्ष राजस्व 3683.25 करोड़ रुपये था।

टिकटों और पंजीकरण विभाग ने 3.26 प्रतिशत राजस्व वृद्धि देखी है। विभाग को पिछले साल अक्टूबर तक 2804.67 करोड़ रुपये और इस साल अक्टूबर तक 2895.96 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। परिवहन विभाग में 6.83 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। परिवहन विभाग ने पिछले वर्ष अक्टूबर तक 2116.49 करोड़ राजस्व और इस वर्ष अक्टूबर तक 1971.91 करोड़ रुपये की आय देखी है

वहीं बैठक में बताया गया कि खनन और भूवैज्ञानिक संसाधन विभाग की आय में 19 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। पिछले साल अक्टूबर तक 1258 करोड़ आय और इस साल अक्टूबर तक 1023 करोड़ रुपये रही। 

भूमि और राजस्व विभाग ने पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 23.49 प्रतिशत की गिरावट देखी है। भूमि और राजस्व विभाग ने रु। पिछले साल अक्टूबर तक 109.66 करोड़ और इस साल अक्टूबर तक 83.9 करोड़ रुपये की आय हुई। वन विभाग ने आय में 78.03 प्रतिशत की गिरावट देखी है। इस विभाग ने पिछले साल अक्टूबर तक 131.69 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है, जबकि इस साल अक्टूबर तक इसने 29.94 करोड़ रुपये देखे हैं।

 सभी विभागों से आय को समेकित करते हुए पिछले वर्ष अक्टूबर तक आय 35,411.23 करोड़ रुपये थी और इस वर्ष अक्टूबर तक 2.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ आय 34,669.35 करोड़ रुपये है। परिवहन विभाग में पहली और दूसरी तिमाही में विकास दर क्रमश 11.81 और 12.42 प्रतिशत थी, जबकि अक्टूबर में विकास दर 15.4 प्रतिशत है। कुल मिलाकर परिवहन विभाग की आय में कमी आई है और शून्य से 6.8 प्रतिशत दर्ज की गई है। 


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